Sab Chala Chali Ka Mela Hai

नश्वर संसार सब चला चली का मेला है कोई चला गया कोई जाने को, बस चार दिनों का खेला है घर बार कपट की माया है, जीवन में पाप कमाया है ये मनुज योनि अति दुर्लभ है, जिसने दी उन्हें भुलाया है विषयों में डूब रहा अब भी, जाने की आ गई वेला रे सब […]

Rahna Nahi Des Birana Hai

नश्वर संसार रहना नहीं देस बिराना है यह संसार कागद की पुड़िया, बूँद पड़े घुल जाना है यह संसार काँट की बाड़ी, उलझ उलझ मरि जाना है यह संसार झाड़ और झाँखर, आग लगे बरि जाना है कहत ‘कबीर’ सुनो भाई साधो, सतगुरु नाम ठिकाना है

Narhari Chanchal Hai Mati Meri

भक्ति भाव नरहरि चंचल है मति मेरी, कैसी भगति करूँ मैं तेरी सब घट अंतर रमे निरंतर मैं देखन नहिं जाना गुण सब तोर, मोर सब अवगुण मैं एकहूँ नहीं माना तू मोहिं देखै, हौं तोहि देखूँ, प्रीति परस्पर होई तू मोहिं देखै, तोहि न देखूँ, यह मति सब बुधि खोई तेरा मेरा कछु न […]

Sab Se Bada Dharma Ka Bal Hai

धर्म निष्ठा सबसे बड़ा धर्म का बल है वह पूजनीय जिसको यह बल, जीवन उसका ही सार्थक है ऐश्वर्य, बुद्धि, विद्या, धन का, बल होता प्रायः लोगों को चाहे शक्तिमान या सुन्दर हो, होता है अहंकार उसको इन सबसे श्रेष्ठ धर्म का बल, भवसागर से जो पार करे जिस ओर रहे भगवान् कृष्ण, निश्चय ही […]

Aur Ansha Avtar Krishna Bhagwan Swayam Hai

परब्रह्म श्री कृष्ण और अंश अवतार कृष्ण भगवान स्वयम् हैं वे मानुस बनि गये, यशोदा नन्द-नँदन हैं सकल भुवन के ईश एक, आश्रय वनवारी मोर मुकुट सिर धारि अधर, मुरली अति प्यारी रस सरबस श्रृंगार के, साक्षात् श्रृंगार हैं जो विभु हैं, आनन्दघन, उन प्रभु की हम शरन हैं

Prabhu Ka Jo Anugrah Hota Hai

भक्त प्रभु का जो अनुग्रह होता है सांसारिकता से निवृत्ति हो, हरि का स्वरूप मन भाता है लीलाओं का वर्णन करते, वाणी गद्गद् हो जाती है तब रोता है या हँसता है, कभी नाचे या तो गाता है जब रूप गुणों में तन्मय हो, चित द्रवित तभी हो जाता है होता है भक्त जो कि, […]

Saras Ras Hai Vrindavan Main

श्री वृन्दावन सरस रस है वृन्दावन में ग्यान ध्यान को मान न, रति-रस सरसत जन मन में राधे राधे-कहहिं लग्यौ मन, राधा जीवन में सबही को है सहज भाव, निजता को मोहन में ललन-लली की लाली ही तो, छाई कन कन में गोपी गोप मनहुँ प्रगटे नर-नारिन के तन में प्रिय को नित्य विहार प्रिया […]

Prabhu Ki Satta Hai Kahan Nahi

सर्व शक्तिमान् प्रभु की सत्ता है कहाँ नहीं घट घट वासी, जड़ चेतन में, वे सर्व रूप हैं सत्य सही प्रतिक्षण संसार बदलता है, फिर भी उसमें जो रम जाये जो नित्य प्राप्त परमात्म तत्व, उसका अनुभव नहीं हो पाये स्थित तो प्रभु हैं कहाँ नहीं, पर आवृत बुद्धि हमारी है मन, बुद्धि, इन्द्रियों से […]

Jo Kuch Bhi Milta Hai Hamko

सेवा धर्म जो कुछ भी मिलता है हमको, उसमें सबका हिस्सा जान उससे सुलभ हमें होएगी, निश्चित ही सुख शांति महान विद्यादान करो अनपढ़ को,रोगी को औषधि का दान वस्त्रहीन को वस्त्रदान दो, किन्तु न करो जरा अहसान भूखे को तो भोजन देना, गृह विहीन को आश्रय दान भूले को सन्मार्ग बता दो, सभी रूप […]

Biraj Main Holi Ki Hai Dhum

होली बिरज में होली की है धूम लेकर हाथ कनक पिचकारी, यहाँ खड़ें हैं कृष्ण मुरारी, उतते आई गोपकुमारी, पकड़ लियो झट से बनवारी मुख पर मल दी तभी गुलाल, बिरज में होली है अब आई वृजभानु-दुलारी, और साथ में सखियाँ न्यारी, घेर लियो फिर नँद-नंदन को, पहना दी रेशम की सारी रंग दियो श्याम […]