Braj Main Ghar Ghar Bajat Badhai

श्री राधा प्राकट्य ब्रिज में घर घर बजत बधाई अतिशय रूप निरख कन्या का माँ कीरति है हर्षाई सकल लोक की सुंदरता, वृषभानु गोप के आई जाको जस सुर मुनी सब कोई, भुवन चतुर्दश गाई नवल-किशोरी गुन निधि श्यामा, कमला भी ललचाई प्रगटे पुरुषोत्तम श्री राधा द्वै विधि रूप बनाई 

Main Bhul Gai Sakhi Apne Ko

गोपी की प्रीति मैं भूल गई सखि अपने को नित्य मिलन का अनुभव करती, जब से देखा मोहन को प्रात: संध्या दिवस रात का, भान नहीं रहता मुझको सपने में भी वही दिखता, मन की बात कहूँ किसको कैसी अनुपम मूर्ति श्याम की, कैसा मनहर उसका रूप नयन हुए गोपी के गीले, छाया मन सौन्दर्य […]

Maiya Mori Main Nahi Makhan Khayo

माखन चोरी मैया मोरी मैं नहिं माखन खायौ भोर भयो गैयन के पाछे, मधुवन मोहि पठायौ चार पहर वंशीवट भटक्यो, साँझ परे घर आयौ मैं बालक बहियन को छोटो, छींको केहि विधि पायौ ग्वाल-बाल सब बैर परे हैं, बरबस मुख लपटायौ तू जननी मन मन की अति भोरी, इनके कहे पतियायौ जिय तेरे कछु भेद […]

Kahe Ko Tan Manjta Re Mati Main Mil Jana Hai

सत्संग महिमा काहे को तन माँजता रे, माटी में मिल जाना है एक दिन दूल्हा साथ बराती, बाजत ढोल निसाना है एक दिन तो स्मशान में सोना, सीधे पग हो जाना है सत्संगत अब से ही करले, नाहिं तो फिर पछताना है कहत ‘कबीर’ सुनो भाई साधो, प्रभु का ध्यान लगाना है

Radha Ghar Kanan Main Radha

जीवन सर्वस्व राधा राधा घर, कानन में राधा, राधा नित यमुना के तीर राधा मोद, प्रमोद राधिका, राधा बहै नयन बन नीर राधा प्राण बुद्धि सब राधा, राधा नयनों की तारा राधा ही तन मन में छाई, प्रेमानंद सुधा धारा राधा भजन, ध्यान राधा ही, जप तप यज्ञ सभी राधा राधा सदा स्वामिनी मेरी, परमाराध्या […]

Jagat Main Jhuthi Dekhi Preet

प्रबोधन जगत् में झूठी देखी प्रीत अपने ही सुख से, सब लागे, क्या दारा क्या मीत मेरो मेरो सभी कहत है, हित सौं बाँध्यो चीत अन्तकाल संगी नहिं कोऊ, यह अचरज की रीत मन मूरख अजहूँ नहिं समुझत यह कैसी है नीत ‘नानक’ भव-जल पार परै, जो गावै प्रभु के गीत  

Braj Main Kaisi Hori Machai

होली ब्रज में कैसी होरी मचाई, करत परस्पर रोरी नंदकुँवर बरसाने आये, खेलन के मिस होरी बाँह पकड़ एक ग्वालिन की वे, बहुत ही करै चिरौरी अब तो बहियाँ छोड़ो प्यारे, देखत हमें किसोरी अधिक अधीर राधिका आई, जानत श्याम ठगोरी होली खेलत राधा मोहन, गलियन रंग बह्योरी लाल भयो कटिपट मोहन को, लाल राधिका […]

Main Sunata Hun Din Raat Prabhu

सौन्दर्य निधि श्याम मैं सुनता हूँ दिन रात प्रभु, तुम हो अनंत सौन्दर्य धाम यह रूप-माधुरी कैसी है, एक झलक दिखादो मुझे श्याम सुंदर स्वरूप प्रिय बातों ने, चित चोरा था गोपी-जन का सो तीव्र लालसा मुझको है, वह रूप देख लूँ मोहन का मैं हूँ अधीर दिन रात श्याम, कब दर्शन दोगे मुझे आप […]

Aeri Main To Darad Diwani

विरह व्यथा ऐरी मैं तो दरद दिवानी, मेरो दरद न जाने कोय घायल की गति घायल जाने, जो कोई घायल होय जोहरी की गति जोहरी जाने, जो कोई जोहरी होय सूली ऊपर सेज हमारी, सोवण किस विध होय गगन मँडल पर सेज पिया की, किस विध मिलणा होय दरद की मारी बन-बन डोलूँ, वैद मिल्यो […]

Janam Dhokhe Main Khoy Dayo

मोह माया जनम धोखे में खोय दयो बारह बरस बालपन बीते, बीस में युवा भयो तीन बरस के अंत में जाग्यो, बाढ्यो मोह नयो धन और धाम पुत्र के कारण, निस दिन सोच भयो बरस पचास कमर भई टेढ़ी, सोचत खात लह्यो बरस साठ सत्तर के ऊपर, केस सफ़ेद भयो कहत ‘कबीर’ सुनो भाई साधो, […]