Man Fula Fula Fire Jagat Main Kaisa Nata Re

असार संसार मन फूला-फूला फिरे जगत में कैसा नाता रे मात कहै यह पुत्र हमारा, बहन कहै वीर मेरा रे भाई कहै यह भुजा हमारी, नारी कहै नर मेरा रे पेट पकड़ के माता रोवे, बाँह पकड़ के भाई रे लपटि झपटि के तिरिया रोवे, हंस अकेला जाई रे चार गजी चादर मँगवाई, चढ़ा काठ […]

Gayo Man Shyam Sang Hi Bhag

श्याम रंग गयो मन श्याम संग ही भाग मुरली की धुन पड़ी कान में, मन उमग्यो अनुराग अधर-सुधा-रस भरी सुनाई, दिव्य मधुरतम राग मधुर मिलन की गोपीजन मन, उठी कामना जाग कैसा प्रबल प्रेम है इनका, जग से हुआ विराग दर्शन जिसको मिले श्याम का, उसका ही बड़भाग श्रुतियाँ ढूँढ रहीं हैं जिनको, पाये न […]

Bhajo Re Man Shri Radha Govind

नाम स्मरण भजो रे मन श्री राधा गोविंद जन-मन को निज-धन-मनमोहन, पूरन परमानंद जीवन के जीवन वे तेरे, तू चकोर वे चन्द कैसे तिनहिं बिसारि भयो तूँ, मोह मुग्ध मतिमन्द चेत-चेत रे अब तो मूरख, छोड़ सबहिं छल-छन्द सब तज भज मोहन को प्यारे, यहीं पंथ निर्द्वंद 

Ja Din Man Panchi Udi Jehain

देह का गर्व जा दिन मन पंछी उड़ि जैहैं ता दिन तेरे तन तरुवर के, सबै पात झरि जैहैं या देही की गरब न करियै, स्यार, काग, गिध खैहैं ‘सूरदास’ भगवंत भजन बिनु, वृथा सु जनम गँवैंहैं

Man Ram Sumar Pachtayega

सत्संग मन राम सुमर पछतायेगा पापी जियरा लोभ करत है, आज काल उठ जायेगा लालच में सब जनम गँवायो, माया भरम लुभायेगा धन जीवन का लोभ न करिये, साथ न कुछ भी जायेगा धरम राज जब लेखा माँगे, क्या मुख उन्हें बतायेगा कहत ‘कबीर’ सुनो भाई साधो, सत्संग से तर जायेगा

Chanchal Man Ko Vash Me Karna

मनोनिग्रह चंचल मन को वश में करना दृढ़ता से साधन अपनायें, पूरा हो यह सपना भोगों में दुख दोष को देखें, तृष्णा मन की त्यागें भाव रहे समता परहित का, राग द्वेष सब भागें प्रभु के यश का करें कीर्तन, ध्यान मानसिक पूजा शरणागत हो चरण-कमल में, भाव रहे नहीं दूजा प्राणायाम करें नियम से, […]

Bheje Man Bhawan Ke Uddhav Ke Aawan Ki

गोपियों की ललक भेजे मन-भावन के उद्धव के आवन की, सुधि ब्रज-गाँवनि में पावन जबैं लगी कहैं, ‘रतनाकर’ गुवालिनि की झौरि-झौरि, दौरि-दौरि नंद-पौरि आवन तबै लगीं उझकि-उझकि पद-कंजनि के पंजनि पै, पेखि-पेखि पाती छाती छोहनि छबै लगीं हमकौं लिख्यौ है कहा, हमकौं लिख्यौ है कहा, हमकौं लिख्यौ है कहा, कहन सबै लगीं

Jo Lo Man Kamna N Chute

कामना का त्यचक्ष जो लौं मन कामना न छूटै तो कहा जोग जज्ञ व्रत कीन्हैं, बिनु कन तुस को कूटै कहा असनान किये तीरथ के, राग द्वेष मन लूटै करनी और कहै कछु औरे, मन दसहूँ दिसी टूटै काम, क्रोध, मद, लोभ शत्रु हैं, जो इतननि सों छूटै ‘सूरदास’ तब ही तम नासै, ज्ञान – […]

Man Lago Mero Yar Fakiri Main

संतुष्टि मन लागो मेरो यार फकीरी में जो सुख पाओ राम-भजन में, सो सुख नाहिं अमीरी में भला-बुरा सबका सुन लीजै, करि गुजरान गरीबी में प्रेमनगर में रहनि हमारी, भलि बन गई सबूरी में हाथ में कूँड़ी बगल में सोटा, चारो दिसा जगीरी में आखिर यह तन खाक मिलेगा, कहाँ फिरत मगरूरी में कहत ‘कबीर’ […]

Chapal Man Sumiro Avadh Kishor

राम स्मरण चपल मन सुमिरो अवध किशोर चन्द्रवदन राजीव नयन प्रभु, करत कृपा की कोर मेघ श्याम तन, पीत वसन या छबि की ओर ने छोर शीश मुकुट कानों में कुण्डल, चितवनि भी चितचोर धनुष बाण धारे प्रभु कर में, हरत भक्त भय घोर चरण-कमल के आश्रित मैं प्रभु, दूजो कोई न मोर