Shyam Tan Shyam Man Shyam Hai Hamaro Dhan

प्राण धन श्याम तन, श्याम मन, श्याम है हमारो धन आठो जाम ऊधौ हमें, श्याम ही सो काम है श्याम हिये, श्याम तिये, श्याम बिनु नाहिं जियें आँधे की सी लाकरी, अधार श्याम नाम है श्याम गति, श्याम मति, श्याम ही है प्रानपति श्याम सुखदाई सो भलाई सोभाधाम है ऊधौ तुम भये बौरे, पाती लैकै […]

Shyam Mohi Mat Tarsavo Ji

विरह व्यथा श्याम मोहि मत तरसावोजी तुम्हरे कारन सब सुख छोड्या, अब क्यूँ देर लगावोजी विरह विथा लागी उर अंतर, सो तुम आय बुझावोजी अब मत छोड़ो मोहि प्रभुजी, हँस कर तुरत बुलावोजी ‘मीराँ’ दासी जनम-जनम की, अंग से अंग मिलावोजी

Dhuri Bhare Ati Shobhit Shyam Ju

श्री बालकृष्ण माधुर्य धूरि-भरे अति शोभित स्यामजू, तैसी बनी सिर सुंदर चोटी खेलत-खात फिरै अँगना, पग पैंजनी बाजति, पीरी कछौटी वा छबि को रसखानि बिलोकत, बारत काम कलानिधि कोटी काग के भाग कहा कहिए हरि, हाथ सों लै गयो माखन रोटी शेष, महेश, गनेश, दिनेस, सुरेशहु जाहि निरन्तर गावैं जाहि अनादि अखण्ड अछेद, अभेद सुवेद […]

Sundar Shyam Piya Ki Jori

राधा-कृष्ण माधुरी सुन्दर स्याम पिया की जोरी रोम रोम सुंदरता निरखत, आनँद उमँग बह्योरी वे मधुकर ए कुंज कली, वे चतुर एहू नहिं भोरी प्रीति परस्पर करि दोउ सुख, बात जतन की जोरी वृंदावन वे, सिसु तमाल ए, कनक लता सी गोरी ‘सूर’ किसोर नवल नागर ए, नागरि नवल-किसोरी

Shyam Binu Rahyo Na Jay

विरह व्यथा स्याम बिनु रह्यो न जाय खान पानमोहि फीको लागे, नैणा रहे मुरझाय बार बार मैं अरज करूँ छूँ, रैण गई दिन जाय ‘मीराँ’ कहे हरि तुम मिलिया बिन, तरस तरस तन जाय

Nana Vidhi Lila Karen Shyam

भक्त के भगवान नाना विधि लीला करें स्याम श्री हरि की शरण गजेन्द्र गया, जभी ग्राह ने जकड़ लिया विनती को सुन फौरन पहुँचे और ग्राह से मुक्त किया द्रुपत सुता का चीर खिंच रहा बोली-‘आस तिहारी’ लिया वस्त्र अवतार बचाई, लाज तभी गिरधारी नहीं उठाऊँ शस्त्र युद्ध में, यह केशव की बान तोड़ प्रतिज्ञा […]

Sundar Shyam Sakha Sab Sundar

सुंदर श्याम सुंदर स्याम सखा सब सुंदर, सुंदर वेष धरैं गोपाल सुंदर पथ सुंदर गति आवन, सुंदर मुरली शब्द रसाल सुंदर लोक, सकल ब्रज सुंदर, सुंदर हलधर, सुंदर चाल सुंदर वचन विलोकनि सुंदर, सुंदरि गन सब करति विचार ‘सूर’ स्याम को संग सुख सुंदर, सुंदर भक्त हेतु अवतार

Shyam Main To Thare Rang Rati

श्याम से प्रीति स्याम मैं तो थाँरे रँग राती औराँ के पिय परदेस बसत हैं, लिख लिख भेजे पाती मेरा पिया मेरे हिरदे बसत है, याद करूँ दिन राती भगवा चोला पहिर सखीरी, मैं झुरमट रमवा जाती झुरमुट मे मोहिं मोहन मिलिया, उण से नहिं सरमाती और सखी मद पी पी माती, बिन पिये मैं […]

Pragate Abhiram Shyam

श्री कृष्ण प्राकट्य प्रगटे अभिराम श्याम, रसिक ब्रज-बिहारी गोकुल को नंद-भवन, जन-मन सुखकारी आनँद अपार छयौ, दुःख-शोक भागि गयौ हरन विषम भूमि-भार, आये अवतारी सबके अति हिय हुलास, नंद-सुअन-दरस-आस दौरे तजि तजि निवास, आतुरता भारी पहुँचे सब नन्द-भवन, दरसन करि अति निहाल पायौ सब सुख अपार, गोकुल नर-नारी  

Shyam Tori Murli Nek Bajaun

ठिठोली स्याम, तोरी मुरली नेक बजाऊँ जोइ-जोइ तान भरो मुरली में, सोइ सोइ गाय सुनाऊँ हमरी बिंदिया तुमही लगाओ, मैं सिर मुकुट धराऊँ हमरे भूषण तुम सब पहिरौ, मैं तुम्हरे सब पाऊँ तुमरे सिर माखन की मटकी, मैं मिलि ग्वाल लुटाऊँ तुम दधि बेचन जाओ वृन्दावन, मैं मग रोकन आऊँ मानिनी होकर मान करो तुम, […]