Main Krishna Nam Ki Chudiyan Pahanu

भरतार श्याम मैं कृष्ण नाम की चुड़ियाँ पहनूँ, आँख में कजरा डार गले में मोतियन माला पहनूँ, उनके हित श्रंगार ऐसे जन को नहीं वरूँ मैं, जो कि जिये दिन चार मेरे तो भरतार श्याम हैं, उन सँग करूँ विहार करूँ निछावर जीवन सारा, वे ही प्राणाधार स्वत्व मिटे, कुछ रहे न मेरा, माया मोह […]

Main Kusum Kali Hun Pujan Ki

पूजन में प्रेम मैं कुसुम कली हूँ पूजन की, है अहो भाग्य यह मेरा फूलों की मैं माला बन कर, मैं प्रिय के गले लगूँगी उनका मन आल्हादित करके, मैं धन्य-भाग्य होऊँगी मन-मोहन को रिझा सकूँगी, पुष्पगंध के द्वारा अपना जीवन सफल करूँगी, पा लूँगी सुख सारा गद्गद् तब मैं हो जाऊँगी, अश्रुपात नयनों से […]

Main Karu Vinati Maa Durga

दुर्गा देवी स्तुति मैं करूँ विनती माँ दुर्गा, दुर्गति हारिणी महाकाल सर्वांग सुन्दरी ज्योतिर्मय, कस्तुरी केसर-तिलक भाल मुस्कान अधर पे मंद-मंद, आभूषण शोभित रत्न माल मस्तक पर मंडित अर्ध चन्द्र, माँ के वैभव का नहीं पार सावित्री, सन्ध्या, महादेव, हरिअज वन्दित महिमा अपार सौभाग्यदायिनी जग-जननी, माँ राग द्वेष अभिमान हरो हो न्यौछावर जो भी मेरा, […]

Main Apno Man Hari So Joryo

मोहन से प्रीति मैं अपनो मन हरि सों जोर्यो, हरि सों जोरि सबनसो तोर्यो नाच नच्यों तब घूँघट कैसो, लोक-लाज डर पटक पिछोर्यो आगे पाछे सोच मिट गयो, मन-विकार मटुका को फोर्यो कहनो थो सो कह्यो सखी री, काह भयो कोऊ मुख मोर्यो नवल लाल गिरिधरन पिया संग, प्रेम रंग में यह तन बोर्यो ‘परमानंद’ […]

Mero Man Nand Nandan Ju Haryo

श्रीकृष्ण छटा मेरो मन नँद-नन्दन जू हर्यो खिरक दुहावन जात रही मैं, मारग रोक रह्यो वह रूप रसीलो ऐसो री, नित नूतन मन ही फँस्यो वह निरख छटा अब कित जाऊँ, हिरदै में आन बस्यौ तेहि छिन ते मोहिं कछु न सुहावै, मन मेरो लूट लियो त्रिभुवन-सुन्दर प्रति प्रेम सखी, है अटल न जाय टर्यो 

Muskan Madhur Mohini Chitwan

श्री राधा कृष्ण स्तवन मुस्कान मधुर, मोहिनी चितवन, राधा गोविंद का हो चिन्तन वृषभानु-कुमारी, नँद-नन्दन, मैं चरण वन्दना करता हूँ मुख नयन कमल से खिले हुए, सिर स्वर्ण चन्द्रिका मोर मुकुट केशर-कस्तूरी तिलक भाल, मैं ध्यान उन्हीं का करता हूँ श्री अंगों की शोभा अनूप, नीलाम्बर पीताम्बर पहने फूलों के गजरे रत्न हार, वह रूप […]

Mila Hai Janma Manav Ka

प्रबोधन मिला है जन्म मानव का, गँवाया किन्तु यौवन को साथ में कुछ न जायेगा, चेत जा, याद कर प्रभु को अभी से आत्मचिंतन हो, पढ़ो तुम नित्य गीता को निदिध्यासन मनन भी हो, छुड़ा दे मोह माया को साधना के अनेकों पंथ भी, निर्गुण सगुण कोई श्रेष्ठ पर ज्ञान ही का मार्ग, दिखा सकते […]

Maya Se Tarna Dustar Hai

माया माया से तरना दुस्तर है आसक्ति के प्रति हो असंग, दूषित ममत्व बाहर कर दें मन को पूरा स्थिर करके, प्रभु सेवा में अर्पित कर दें पदार्थ सुखी न दुखी करते, व्यर्थ ही भ्रम को मन में रखते होता न ह्रास वासना का, विपरीत उसकी वृद्धि करते मन को नहीं खाली छोड़े हम, सत्संग […]

Mano Mano Nand Ji Ke Lal

होली मानो मानो नंदजी के लाल चूनर, चोली भिगा दी सारी, डारो न और गुलाल जमुना से जल भर मैं आई, तब भी करी ढिठाई दौड़ के मोरी गगरी गिराई, कैसो कर दियो हाल गीली चुनरिया सास लड़ेगी, ननँद साथ नहीं देगी काहू भाँति नहीं बात बनेगी, नटखट करी कुचाल नंदकुँवर खेली जो होरी, करी […]

Manavka Tan Jinse Paya

भक्ति-भाव मानव का तन जिनसे पाया, उन राम कृष्ण की भक्ति हो आसक्ति त्याग कर दुनिया की, करुणानिधि में अनुरक्ति हो श्रीरामचरितमानस हमको, भक्ति की समुचित शिक्षा दे नवधा भक्ति के जो प्रकार, अनुगमन करें प्रभु शक्ति दे सत्संग तथा हरिकथा सुने, गुरुसेवा प्रभु गुणगान करें हो आस्था प्रभु का मंत्र जपें, इन्द्रिय -निग्रह, सत्कर्म […]