Manmohan Hamko Ati Pyare

बालकृष्ण प्रति प्रेम मनमोहन हम को अति प्यारे बार-बार किलकारी मारे, चले कन्हैया घुटनों से ब्रज-वधुएँ आनन्दित होकर, उसे लगायें छाती से कहें-इसे हम जभी देखतीं, प्यार उमड़ता हम सबको रोक नहीं पाती उमंग को, सुध-बुध रहे नहीं हमको कितनी बार गोद में लेतीं, किन्तु न मन ही भरता है धन्य प्रेम इनका कान्हा प्रति, […]

Man Main Shubh Sankalp Ho

अभिलाषा मन में शुम संकल्प हों, शुरू करूँ जब काम सर्वप्रथम सुमिरन करूँ, नारायण का नाम मनोवृत्ति वश में रहे, कार्यसिद्धि को पाय ऋद्धि-सिद्धि गणपति सहित, पूजूँ विघ्न न आय नहीं चाहिये जगत् या राज्य स्वर्ग सुख-भोग प्राणिमात्र का दुख हरूँ, सुखी रहें सब लोग सभी रोग से रहित हों, सबका हो कल्याण दीन दुखी […]

Man Main Yah Rup Niwas Kare

युगल स्वरूप मन में यह रूप निवास करे दो गात धरे वह एक तत्व, अनुपम शोभा जो चित्त हरे वृषभानु-सुता देवकी-नन्दन के अंगों का बेजोड़ लास्य मधुरातिमधुर जिनका स्वरूप, अधरों पर उनके मंद हास्य गल स्वर्णहार, बैजंति-माल, आल्हादिनि राधा मनमोहन वृन्दावन में विचरण करते, वे वरदाता अतिशय सोहन निमग्न रास क्रीड़ा में जो, रति कामदेव […]

Mathura Se Shyam Nahin Loute

ज्ञान पर भक्ति की विजय मथुरा से श्याम नहीं लौटे हैं, दुःखी सब ही ब्रज में मात यशोदा बाबा नन्द को, लाला की याद आय मन में मथुरा राजमहल में व्याकुल, रहें सदा ही राधाकान्त रोक नहीं पाते अपने को रोते थे पाकर एकान्त ब्रज बालाएँ डूब रहीं थीं, विरह वेदना में दिन रात उद्धव […]

Mat Kar Itana Pyar Tu Tan Se

देह से प्रेम मत कर इतना प्यार तू तन से, नहीं रहेगा तेरा बहुत सँवारा इत्र लगाया, और कहे यह मेरा बढ़िया भोजन नित्य कराया, वस्त्रों का अंबार बचपन, यौवन बीत गया तब, उतरा मद का भार पति, पत्नी-बच्चों तक सीमित था तेरा संसार स्वारथ के साथी जिन पर ही, लूटा रहा सब प्यार सब […]

Mangal Diwas Chathi Ko Aayo

उत्सव मंगल दिवस छठी को आयो आनन्दित नंदराय जसोदा, मानों निर्धन धन को पायो न्हवा कान्ह को जसुमति मैया, कुल देवी के चरण परायो विविध भाँति के व्यंजन धर के, देवी को भलिभाँति मनायो सब ब्रज नारी बधावन आई, बालकृष्ण को तिलक करायो जय जयकार होत गोकुल में, ‘परमानंद’ हरषि जस गायो  

Bhojan Kare Shyam Kanan Main

वन-विहार भोजन करे श्याम कानन में ग्वाल-बाल संग हँसे हँसाये, मुदित सभी है मन में छीके खोल सखा सब बैठे, यमुना तट पर सोहे उनके मध्य श्याम-सुन्दर छबि, सबके मन को मोहे जूठे का संकोच नहीं, सब छीन झपट के खायें सभी निहारें मोहन मुखड़ा, स्वाद से भोजन पायें छटा निराली नटनागर की, धरी वेणु […]

Bhula Raha Hai Tu Youwan Main

नवधा भक्ति भूला रहा तू यौवन में, क्यों नहीं समझता अभिमानी तू राग, द्वेष, सुख, माया में, तल्लीन हो रहा अज्ञानी जो विश्वसृजक करुणासागर की तन्मय होकर भक्ति करे प्रतिपाल वहीं तो भक्तों के, सारे संकट को दूर करें हरि स्मरण कीर्तन, दास्य, सख्य, पूजा और आत्मनिवेदन हो हरि-कथा श्रवण हो, वन्दन हो, अरु संतचरण […]

Bheje Man Bhawan Ke Uddhav Ke Aawan Ki

गोपियों की ललक भेजे मन-भावन के उद्धव के आवन की, सुधि ब्रज-गाँवनि में पावन जबैं लगी कहैं, ‘रतनाकर’ गुवालिनि की झौरि-झौरि, दौरि-दौरि नंद-पौरि आवन तबै लगीं उझकि-उझकि पद-कंजनि के पंजनि पै, पेखि-पेखि पाती छाती छोहनि छबै लगीं हमकौं लिख्यौ है कहा, हमकौं लिख्यौ है कहा, हमकौं लिख्यौ है कहा, कहन सबै लगीं

Bhukh Lagi Hai Mohan Pyare

प्रेम के भूखे भूख लगी है मोहन प्यारे यज्ञ करे मथुरा में ब्राह्मण, जाओ उनके द्वारे हाँ ना कुछ भी कहे न द्विज तो, चाह स्वर्ग की मन में ग्वाल-बाल सब भूखे ही लोटे, घोर निराशा उन में बोले हरि यों आस न छोड़ों अनुचित है यह राह यज्ञ-पत्नियाँ जो कि वहाँ है, पूर्ण करेंगी […]