Pratah Sandhya Nit Manan Karen

आत्म चिन्तन प्रातः संध्या नित मनन करें मैं अंश ही हूँ परमात्मा का, सच्चिदानन्द मैं भी तो हूँ मैं राग द्वेष में लिप्त न हूँ, मैं अजर अमर आनन्दमय हूँ सुख-दुख में समता रहे भाव, मैं निर्मल हूँ अविनाशी हूँ इन्द्रिय-विषयों से दूर नित्य, मैं शुद्ध बुद्ध अरु शाश्वत हूँ  

Prani Matra Prabhu Se Anupranit

प्रबोधन प्राणिमात्र प्रभु से अनुप्राणित, जड़ चेतन में छाया सबको अपने जैसा देखूँ, कोई नहीं पराया जिसने राग द्वेष को त्यागा, उसने तुमको पाया दंभ दर्प में जो भी डूबा, उसने तुमको खोया कौन ले गया अब तक सँग में, धरा धाम सम्पत्ति जो भी फँसा मोह माया में, उसको मिली विपत्ति दो विवेक प्रभु […]

Prasannata Prabhu Se Prapta Prasad

प्रसन्नता प्रसन्नता, प्रभु से प्राप्त प्रसाद जीवन तो संघर्ष भरा, मिटादे दुःख और अवसाद अगर खिन्नता आड़े न आये, जीवन भी सुखमय हो जब प्रसन्न सन्तुष्ट रहें तो, आनन्दमय सब कुछ हो संग करें उन लोगों का, जो खिले पुष्प से रहते कथा प्रभु की सुने कहें हम, पूर्ण शांति पा लेते मनोरोग है चिन्ता […]

Prabho Vah Kab Din Aayega

प्रतीक्षा प्रभो, वह कब दिन आयेगा होगा जब रोमांच, हृदय गद्गद् हो जायेगा कृष्ण कृष्ण उच्चारण होगा, प्रेमाश्रु नयनों में विस्मृत होगी सारी दुनिया, मग्न पाद-पद्मों में रूप-माधुरी पान करूँगा, बिठलाऊँ हृदय में मिट जायेगा तमस् अन्ततः, लीन होउ भक्ति में  

Prabhu Se Priti Badhaye

हरि से प्रीति प्रभु से प्रीति बढ़ायें मुरलीधर की छटा मनोहर, मन-मंदिर बस जाये माया मोह कामनाओं का, दृढ़ बंधन कट जाये सब सम्बन्धी सुख के संगी, कोई साथ न आये संकट ग्रस्त गजेन्द्र द्रौपदी, हरि अविलम्ब बचाये भजन कीर्तन नंद-नन्दन का, विपदा दूर भगाये अन्त समय जो भाव रहे, चित वैसी ही गति पाये […]

Prabhu Lijyo Mera Pranam

प्रणाम प्रभु लिज्यो मेरा प्रणाम प्रभु लिज्यो मेरा प्रणाम मैं आन पड़ी तेरे पांव प्रभुजी, आन पड़ी हे श्याम सब घर बार प्रभु मैं दीना, तुम्हरे चरण का ध्यान है कीना बिन दरशन कैसे हो जीना, प्रभु जपूँ तिहारो नाम सफल जनम हो जाये मेरा, जो दरशन मैं पाऊँ तेरा औरन से क्या काम प्रभुजी, […]

Prabhu Se Jo Sachcha Prem Kare

हरि-भक्ति प्रभु से जो सच्चा प्रेम करे, भव-सागर को तर जाते हैं हरिकथा कीर्तन भक्ति करे, अर्पण कर दे सर्वस्व उन्हें हम एक-निष्ठ उनके प्रति हों, प्रभु परम मित्र हो जाते हैं लाक्षागृह हो या चीर-हरण, या युद्ध महाभारत का हो पाण्डव ने उनसे प्रेम किया, वे उनका काम बनाते है हो सख्य-भाव उनसे अपना, […]

Prabhu Ji Tumko Arpit Yah Jiwan

मेरी भावना प्रभुजी! तुमको अर्पित यह जीवन जीवन बीते सत्कर्मों में, श्रद्धा हो प्रभु की पूजा में करो हृदय में ध्यान सदा, लगूँ नहीं कभी दुष्कर्मों में इच्छा न जगे कोई मन में, प्रभु प्रेम-भाव से तृप्त रहूँ सुख दुख आये जो जीवन में, प्रभु का प्रसाद में जान गहूँ जो मात-पिता वे जीवन-धन, उनकी […]

Prabhu Shakti Pradan Karo Aisi

शरणागति प्रभु शक्ति प्रदान करो ऐसी, मन का विकार सब मिट जाये चाहे निंदा हो या तिरस्कार, मुझको कुछ नहीं सता पाये भोजन की चिन्ता नहीं मुझे, जब पक्षी जी भर खाते ही मुझको मानव का जन्म दिया, तो खाने को भी देंगे ही बतलाते हैं कुछ लोग मुझे, अन्यत्र कहीं सुख का मेला देखा […]

Prabhu Rakho Laj Hamari

शरणागति प्रभु! राखो लाज हमारी अमृत बना पिया विष मीरा, चरण-कमल बलिहारी जिन भक्तों ने लिया सहारा, उनकी की रखवारी खोया समय भोग में मैंने, तुमको दिया बिसारी पापी कौन बड़ा मेरे से, तुम हो कलिमल हारी प्रीति-पात्र मैं बनूँ तुम्हारा, संबल दो बनवारी अविनय क्षमा करो नँदनंदन, आया शरण तुम्हारी जो चाहे सो रूप […]