Prabhu Ka Sharanagat Ho Jayen

शरणागति प्रभु के शरणागत हो जायें अपने बल का अभिमान त्याग, उनका ही आश्रय ले पायें प्रभु का ही अंश है जीव मात्र, अंशी की शरण से दुख न रहे साधना ऐसा कोई न और, चिंताएँ भय सब शोक बहे वेदों का सार उपनिषद् है, भगवद्गीता उनका भी सार उसका भी सार शरणागति है, भव-निधि […]

Prabhu Ki Satta Hai Kahan Nahi

सर्व शक्तिमान् प्रभु की सत्ता है कहाँ नहीं घट घट वासी, जड़ चेतन में, वे सर्व रूप हैं सत्य सही प्रतिक्षण संसार बदलता है, फिर भी उसमें जो रम जाये जो नित्य प्राप्त परमात्म तत्व, उसका अनुभव नहीं हो पाये स्थित तो प्रभु हैं कहाँ नहीं, पर आवृत बुद्धि हमारी है मन, बुद्धि, इन्द्रियों से […]

Prabhu Ka Jo Anugrah Hota Hai

भक्त प्रभु का जो अनुग्रह होता है सांसारिकता से निवृत्ति हो, हरि का स्वरूप मन भाता है लीलाओं का वर्णन करते, वाणी गद्गद् हो जाती है तब रोता है या हँसता है, कभी नाचे या तो गाता है जब रूप गुणों में तन्मय हो, चित द्रवित तभी हो जाता है होता है भक्त जो कि, […]

Prabhu Ki Kaisi Sundar Riti

करुणामय प्रभु प्रभु की कैसी सुन्दर रीति विरुद निभाने के कारण ही पापीजन से प्रीति गई मारने बालकृष्ण को, स्तन पे जहर लगाया उसी पूतना को शुभगति दी, श्लाघनीय फल पाया सुने दुर्वचन शिशुपाल के, द्वेषयुक्त जो मन था लीन किया उसको अपने में, अनुग्रह तभी किया था हरि चरणों में मूर्ख व्याध ने, भूल […]

Prabhu Ki Upaasana Nitya Kare

पूजन-अर्चन प्रभु की उपासना नित्य करे जो सत्य अलौकिक देव-भाव, जीवन में उनको यहीं भरे मन बुद्धि को जो सहज ही में, श्री हरि की प्रीति प्रदान करे भौतिक उपचारों के द्वारा, यह संभव होता निश्चित ही पूजन होए श्रद्धापूर्वक, अनिष्ट मिटे सारे तब ही पूजा का समापन आरती से, हरि भजन कीर्तन भी होए […]

Prabhu Ki Apaar Maya

शरणागति प्रभु की अपार माया, जिसने जगत् रचाया सुख दुःख का नजारा, कहीं धूप कहीं छाँया अद्भुत ये सृष्टि जिसको, सब साज से सजाया ऋषि मुनि या देव कोई, अब तक न पार पाया सब ही भटक रहे है, दुस्तर है ऐसी माया मुझको प्रभु बचालो, मैं हूँ शरण में आया  

Prabhu Adbhut Teri Maya

मोह माया प्रभु अद्भुत तेरी माया, जिसका पार न कोई पाया धन दौलत सम्बन्धी अथवा, पुत्र पिता या जाया ममता कभी न छूटे उनसे, जिनमें रहा भुलाया गर्भवास कर नौ महिने तक, पृथ्वी पर मैं आया प्यार मिला घर के लोगों से, समझ नहीं कुछ पाया युवा काल ऐसे ही खोया, मस्ती मजा उड़ाया वृद्धावस्था […]

Prabal Prem Ke Pale Padkar

भक्त के भगवान् प्रबल प्रेम के पाले पड़कर, प्रभु को नियम बदलते देखा अपना मान भले टल जाये, भक्त का मान न टलते देखा जिनके चरण-कमल कमला के, करतल से न निकलते देखा उसको ब्रज करील कुंजन के, कण्टक पथ पर चलते देखा जिनकी केवल कृपा दृष्टि से, सकल सृष्टि को पलते देखा उनको गोकुल […]

Pratham Gou Charan Ko Din Aaj

गौचारण प्रथम गो-चारन को दिन आज प्रातःकाल उठि जसुमति मैया, सुमन सजाये साज विविध भाँति बाजे बाजत है, रह्यो घोष अति गाज गोपीजन सब गीत मनोहर, गाये तज सब काज लरिका सकल संग संकर्षण, वेणु बजाय रसाल धेनू चराये बाल-कृष्ण-प्रभु, नाम धर्यो गोपाल  

Pragate Shri Vaaman Avtar

वामन अवतार प्रगटे श्री वामन अवतार निरख अदिति मुख करत प्रशंसा, जगजीवन आधार तन श्याम पीत-पट राजत, शोभित है भुज चार कुण्डल मुकुट कंठ कौस्तुभ-मणि, अरु भृगुरेखा सार देखि वदन आनंदित सुर-मुनि, जय-जय निगम उचार ‘गोविंददास’ हरि वामन होके, ठाड़े बलि के द्वार