Bhagyanusar Fal Prapta Hame

भाग्यानुसार फल भाग्यानुसार फल प्राप्त हमें भगवान् नियामक कर्मों के, जैसा बोया हो मिले हमें विवेक प्रभु से प्राप्त हमें, हम चाहें जैसा वही करें ये अहंकार व काम क्रोध, जो पाप कर्म में प्रवृत करें प्रभु में तो विषमता जरा नहीं, हम कर्मों का ही फल पायें वे तो कर्मों को देख रहे, शुभ […]

Maa Charno Main Koti Pranam

देवी स्तवन माँ! चरणों में कोटि प्रणाम मायारूपिणि, शुद्धस्वरूपा, हे जगजननी! कोटि प्रणाम त्रिगुणातीता, वेदस्वरूपा, आदिशक्ति को कोटि प्रणाम लज्जा, शोभा, ज्ञान स्वरूपा, हे महिमामयी! कोटि प्रणाम रोग, शोक, भय, संकट हरनी, मंगल दायिनि! कोटि प्रणाम दुख-दारिद्र-निवारिणि देवी, हे नारायणि! कोटि प्रणाम करुणानिधि, कल्याणकारिणी, पतितपावनी! कोटि प्रणाम सर्जन, पालन, प्रलय-कारिणी, हिमनग-नंदिनी! कोटि प्रणाम मधु, कैटभ, […]

Main Sunata Hun Din Raat Prabhu

सौन्दर्य निधि श्याम मैं सुनता हूँ दिन रात प्रभु, तुम हो अनंत सौन्दर्य धाम यह रूप-माधुरी कैसी है, एक झलक दिखादो मुझे श्याम सुंदर स्वरूप प्रिय बातों ने, चित चोरा था गोपी-जन का सो तीव्र लालसा मुझको है, वह रूप देख लूँ मोहन का मैं हूँ अधीर दिन रात श्याम, कब दर्शन दोगे मुझे आप […]

Rahte Ho Saath Nitya Prabhu Ji

पूजा रहते हो साथ नित्य प्रभुजी, आठ प्रहर दिन रात ही क्यों देख नहीं पाते तुमको, यह अचरज मुझको खलता ही मैं बैठ के नित्य ही आसन पर, लेकर सामग्री हाथों में पूजा करता हूँ विधिवत ही, तब भी दर्शन नहीं पाता मैं आरती दीप से करता हूँ, स्तुति गान भी हूँ गाता तब भी […]

Vipada Mangu Main Giridhari

विपदा की चाह विपदा माँगू मैं गिरिधारी कुन्ती देवी कहे आपने, कई आपदा टारी शत-शत करूँ प्रणाम अकिंचन, हूँ अबोध मैं नारी लाक्षा-गृह अग्नि, हिडिम्ब से रक्षा की असुरारी दुर्वासा भोजन को आये तब भी विपद् निवारी तृप्त किया उनको विश्वम्भर, बची द्रोपदी प्यारी दुष्ट दुशासन ने खीचीं थी, पुत्र-वधू की सारी लियो वस्त्र अवतार, […]

Shyam Tumhara Rup Anutha

अनूठा रूप श्याम तुम्हारा रूप अनूठा, कोटि अनंग लजाये चंचल चितवन कमल-नयन से, प्रेम सरस बरसाये स्निग्ध कपोल अरुणिमा जिनकी, दर्पण सम दमकाये मोर-मुकुट शीश पर शोभित, केश राशि लहराये कमनीय अंग किशोर मूर्ति के, दर्शन मन सरसाये पान करे गोपीजन प्रति पल, फिर भी नहीं अघाये ऐसा अद्भुत ज्योति-पुंज जो, मन का तिमिर भगाये […]

Shri Ram Jape Ham Kaise Hi

राम नाम महिमा श्री राम जपें हम कैसे ही उलटा नाम जपा वाल्मीकि ने, ब्रह्मर्षि हो गये वही लिया अजामिल ने धोखे से नाम तर गया भवसागर द्रुपद-सुता जब घिरी विपद् से, लाज बचाई नटनागर गज, गणिका का काम बन गया, प्रभु-कृपा से ही तो प्रतीति प्रीति हो दो अक्षर में, श्रीराम मिले उसको तो […]

Sanakadik Devon Ke Purvaj

श्री सनकादि का उपदेश सनकादिक देवों के पूर्वज, ब्रह्माजी के मानस ये पूत मन में जिनके आसक्ति नहीं, वे तेजस्वी प्रज्ञा अकूत है सदुपदेश उनका ये ही ‘धन इन्द्रिय-सुख के हों न दास’ पुरुषार्थ चतुष्टय उपादेय, सद्भाव, चरित का हो विकास विद्या सम कोई दान नहीं, सत् के समान तप और नहीं आसक्ति सदृश न […]

Raghu Nandan Ki Aarti Kije

राम आरती रघुनन्दन की आरती कीजै, दिव्य स्वरूप बसा मन लीजै पीताम्बर अद्वितीय कलेवर, संग जानकी माता सोहे धनुष बाण धारे जगदीश्वर, भरत, लखन, रिपुसूदन मोहे वैदेही लक्ष्मण है सँग में, राघवेन्द्र वनवास पधारे ॠषि, मुनि, शबरी दर्शन पाये, खरदूषण राक्षस संहारे साधुवेष धर रावण पहुँचा, वैदेही को तभी चुराया रावणादि को मार युद्ध में, […]

Aarti Shri Ramcharit Manas Ki

श्री रामचरित मानस- रामायण आरती आरती रामचरित मानस की, रचना पावन चरित राम की निगमागम का सार इसी में, वाल्मीकि ऋषि, तुलसी गाये रामचरितमानस रामायण, निश्चल-भक्ति सुधा बरसाये पति-व्रत, बन्धु-प्रेम, मर्यादा, माँ सीता का चरित सुहाये आज्ञापालन, राज-धर्म, त्यागी जीवन आदर्श बताये साधु-संत प्रिय, कलिमलहारी, दुःख शोक अज्ञान मिटाये श्रद्धा-युत हो श्रवण करे जो, कहें […]