Main Hari Main Hari Main Hari O Giridhari
प्रतीक्षा मैं हारी, मैं हारी, मैं हारी ओ गिरिधारी आप बिसारे, पर ना हारी, पंथ निहारे हारी मैं हारी…. पतझर बीता डाल डाल पर नये पात फिर छाये, पर ना दुखिया मन में मेरे, फिरे भाग फिर आये सुख के दिन क्या बीत चले, मैं आशा धारे हारी मैं हारी… आँचल भींग गये आँसू से, […]
Raghav Sarayu Tat Par Viharen
सरयू तट राघव सरयू तट पर विहरें भरत लक्ष्मण और शत्रुघन, सब आनन्द भरें पुष्पों की सुन्दर मालाएँ, सबही कण्ठ धरें मन्द मन्द मुसकान अधर पे, शोभा चित्त हरे कल कल ध्वनि सरयू के जल की, सबके मन हरषे देव-देवियाँ सभी गगन से, सुमन बहुत बरषे
Vivek Prapt Hai Manav Ko
विवेक विवेक प्राप्त है मानव को क्या तो अनुचित अथवा कि उचित, यह समझ नहीं पशु पक्षी को जो सदुपयोग करले इसका, उसका तो जीवन सफल हुआ वरना तो पशु से भी निकृष्ट, मानव का जीवन विफल हुआ हम अपने और दूसरों का, कर पायें भला विवेक यही तब तत्वज्ञान में हो परिणित, सर्वज्ञ प्रभु […]
Shyam Dekh Darpan Main Bole
राधिका श्याम सौन्दर्य श्याम देख दर्पण में बोले ‘सुनो राधिका प्यारी आज बताओ मैं सुन्दर या तुम हो सुभगा न्यारी’ असमंजस में पड़ी राधिका, कौन अधिक रुचिकारी ‘हम का कहें कि मैं गोरी पर, तुम तो श्याम बिहारी’ जीत गई वृषभानु-दुलारी, मुग्ध हुए बनवारी भक्तों के सर्वस्व राधिका-श्याम युगल मनहारी
Shri Vishnu Dattatrey Hi
भगवान दत्तात्रेय श्री विष्णु दत्तात्रेय ही, सादर नमन उनको करुँ रहते दिगम्बर वेष में, अज्ञान हरते सद्गुरु दुख दूर करने प्राणियों का, तप किया मुनि अत्रि ने बेटा बनूँगा आपका, बोला प्रकट हो विष्णु ने आत्रेय माता अनसुया, जिनमें अहं निःशेष था सर्वोच्च सती के रूप में, प्रख्यात उनका नाम था सती धर्म की लेने […]
Sab Chala Chali Ka Mela Hai
नश्वर संसार सब चला चली का मेला है कोई चला गया कोई जाने को, बस चार दिनों का खेला है घर बार कपट की माया है, जीवन में पाप कमाया है ये मनुज योनि अति दुर्लभ है, जिसने दी उन्हें भुलाया है विषयों में डूब रहा अब भी, जाने की आ गई वेला रे सब […]
Aarti Kije Shri Raghuvar Ki
राम आरती आरती कीजै श्री रघुवर की, मर्यादा पुरुषोत्तम राम की दशरथ-सुत कौसल्या-नंदन, चंद्र-वदन की शोभा भारी सुर-मुनि-रक्षक, दैत्य-निकंदन, मर्यादित जीवन असुरारी स्वर्ण-मुकुट मकराकृत कुण्डल, हीरक-हार छटा उजियारी भुजा विशाल आभरण अनुपम, भाल तिलक की शोभा न्यारी सूर्य चन्द्र कोटिक छबि लाजै, स्वर्णिम पीताम्बर कटि धारी धीर वीर प्रभु जानकीवल्लभ, शिव, ब्रह्मा, ऋषि मुनि बलिहारी […]
Jay Ganga Maiya
गंगा आरती जय गंगा मैया, माँ जय सुरसरि मैया आरती करे तुम्हारी, भव-निधि की नैया हरि-पद-पद्म-प्रसूति, विमल वारिधारा ब्रह्म द्रव भागीरथि, शुचि पुण्यागारा शंकर-जटा विहारिणि, भव-वारिधि-त्राता सगर-पुत्र गण-तारिणि, स्नेहमयी माता ‘गंगा-गंगा’ जो जन, उच्चारे मुख से दूर देश स्थित भी, पाये मुक्तिभय से मृत व्यक्ति की अस्थियाँ जो प्रवेश पाये वो भी पावन होकर परम […]
Aaju Meri Vrandawan Main
दधि लूटन आजु मेरी वृन्दावन में दधि लूटी कहाँ मेरो हार कहाँ नक बेसर, कहाँ मोतियन लर टूटी बरजो यशोदा श्यामसुंदर को, झपटत गगरी फूटी ‘सूरदास’ हेरि के जु मिलन को, सर्वस दे ग्वालिन छूटी
Kou Mai Leho Re Gopal
मुग्ध गोपी कोउ माई लेहो रे गोपाल दधि को नाम श्याम घन सुंदर, बिसर्यो चित ब्रजबाल मटकी सीस भ्रमत ब्रज बीथिन, बोलत बचन रसाल उफनत तक चूवत चहुँ दिसि तें, मन अटक्यो नँदलाल हँसि मुसिकाइ ओट ठाड़ी ह्वै, चलत अटपटी चाल ‘सूर’ श्याम बिन और न भावे, यह बिरहिनी बेहाल