Tha Magh Mas Braj Balayen

चीर हरण था माघ मास ब्रज बालाएँ, यमुना जल में सब स्नान करें होता था ऊषाकाल जभी, श्रीकृष्ण चरित गुणगान करें जल क्रीडा में थी मग्न सभी, तत्काल श्याम वहाँ पहुँच गये अभिलाषा जो उनके मन में, सर्वेश्वर उसको जान गये ले वस्त्र उठा बालाओं के, वे तरु कदम्ब पर चढ़े तभी वे बोले सुन्दरियों […]

Dhanya Sakhi Suno Jasoda Maiya

बालकृष्ण चरित धन्य सखी सुनो जसोदा मैया घुँटुरन चलत बालकृष्ण अति कोमल नन्हें पैया मनमोहन को रूप रसीलो, गोपीजन मन भावत बारंबार कमल मुख निरखत, नंदालय सब आवत किलकि किलकि हुलसत है लालन, भगत बछल मनरंजन देत असीस सबहि गोपीजन, चिरजीवो दुख-भंजन 

Nirvishayi Banayen Man Ko Ham

प्रबोधन निर्विषयी बनायें मन को हम चिन्तन हो बस परमात्मा का, हो सुलभ तभी जीवन में राम मन और इन्द्रियाँ हो वश में, संयम सेवा का संग्रह हो अनुकूल परिस्थिति आयेगी, सब कार्य स्वतः मंगलमय हो उत्पन्न कामना से होते, सारे ही पाप और विपदा जब अचल शांति हो प्राप्त तभी, मानव को रहे न […]

Pujan Ko Giriraj Goverdhan

अन्नकूट उत्सव पूजन को गिरिराज गोवर्धन चले नंद के लाल कर श्रंगार सभी ब्रज नारी और गये सब ग्वाल नंद यशोदा भी अति उत्सुक ले पूजा का थाल गये पूजने गोवर्धन गिरि, तिलक लगाये भाल भाँति भाँति के व्यंजन एवं फल भी विविध रसाल एक ओर मनमोहन ने तब कर ली देह विशाल गिरिवर रूप […]

Prabhu Ji Tum Bhakton Ke Hitkari

भक्त-वत्सल भगवान प्रभुजी तुम भक्तों के हितकारी हिरणाकश्यप ने भक्त प्रहलाद को कष्ट दिया जब भारी नरसिंह रूप लिये प्रभु प्रकटें, भक्तों के रखवारी जभी ग्राह ने पकड़ा गज को, आया शरण तुम्हारी सुन गुहार के मुक्त किया गज, भारी विपदा टारी दुष्ट दुःशासन खींच रहा था, द्रुपद-सुता की साड़ी दौड़े आये लाज बचाई, हे […]

Pratah Sandhya Nit Manan Karen

आत्म चिन्तन प्रातः संध्या नित मनन करें मैं अंश ही हूँ परमात्मा का, सच्चिदानन्द मैं भी तो हूँ मैं राग द्वेष में लिप्त न हूँ, मैं अजर अमर आनन्दमय हूँ सुख-दुख में समता रहे भाव, मैं निर्मल हूँ अविनाशी हूँ इन्द्रिय-विषयों से दूर नित्य, मैं शुद्ध बुद्ध अरु शाश्वत हूँ  

Budhapa Bairi Tu Kyon Kare Takor

वृद्धा अवस्था बुढ़ापा बैरी, तूँ क्यों करे टकोर यौवन में जो साथ रहे, वे स्नेही बने कठोर जीर्ण हो गया अब तन सारा, रोग व दर्द सताते गई शक्ति बोलो कुछ भी तो, ध्यान कोई ना देते चेत चेत रे मनवा अब तो, छोड़ सभी भोगों को राम-कृष्ण का भजन किये बिन, ठोर नहीं हैं […]

Bharoso Bas Tero Giridhari

भक्त के भगवान भरोसो बस तेरो गिरिधारि मघवा प्रेरित घनी वृष्टि से, ब्रज को लियो उबारी अम्बरीष, प्रहलाद, विभीषण, ध्रुव के प्रभु रखवारी पार्थ-सारथी, पाण्डुवंश की, घोर विपत्ति निवारी शर-शय्या पे गंगा-सुत को दर्शन दियो मुरारी गज को ग्राह ग्रस्यो जल भीतर, कष्ट हर्यो बनवारी नहीं दीखती किरण आस की, घिरी रात अँधियारी श्याम पतित […]

Mhimamai Devi Savitri

सावित्री देवी स्तवन महिमामयी देवी सावित्री, अनुकम्पा हम पर करें आप हे मूल प्रकृति, ब्रह्मा की प्रिया, हरलो कृपया सब ताप पाप तेजोमय विग्रह वाली हो, मंगल मयी मोक्षदायिनी हो भक्तों पे अनुग्रह करती हो, सम्पत्ति तथा सुख देती हो हे! प्रीतिदायिनी हों प्रसन्न, सुखदात्री मेरे क्लेश हरो मैं दास तुम्हारा हूँ विपन्न, आनन्द स्वरूपिणि […]

Main Bhajan Karun Durga Maa Ka

दुर्गादेवी स्तवन मैं भजन करूँ दुर्गा माँ का दुर्गुण मेरे सब नष्ट करो, आश्रय केवल ही माता का सद्बुद्धि प्रदान तू ही करती, सेवक के सारे कष्ट हरे विघ्नों को माता हर लेती, माँ कठिन कार्य को सुगम करे जब हानि धर्म की होती हैं, दैत्यों का नाश तुम्हीं करती ओ स्नेहमयी मेरी माता, भक्तों […]