Adbhut Shri Vrindavan Dham
वृन्दावन धामअद्भुत श्री वृन्दावन धाम यमुनाजी की धारा बहती, केलि राधिका श्याम मुरली की ध्वनि मधुर गूँजती और नाचते मोर इकटक निरख रहे पशु पक्षी, नटवर नन्द-किशोर बंशी स्वर, मयूर नृत्य में, स्पर्धा रुचिकारी पाँख मोर की निकल पड़ी, तो मोहन सिर पर धारी राधारानी के मयूर की, भेंट मिली कान्हा को इसीलिये सहर्ष श्याम […]
Avatarit Hue Bhagwan Krishna
श्रीकृष्ण प्राकट्य अवतरित हुए भगवान कृष्ण, पृथ्वी पर मंगल छाया है बज गई स्वर्ग की दुन्दुभियाँ,चहुँ दिशि आनन्द समाया है था गदा, चक्र अरु कमल, शंख, हाथों में शोभित बालक के श्रीवत्स चिन्ह वक्षःस्थल पे, कटि में भी पीताम्बर झलके वसुदेव देवकी समझ गये, यह परमपुरुष पुरुषोत्तम है जो पुत्र रूप में प्राप्त हुआ, साक्षात् […]
Itna To Karna Swami Jab Pran Tan Se Nikale
विनती इतना तो करना स्वामी, जब प्राण तन से निकले गोविन्द नाम लेकर, फिर प्राण तन से निकले श्री यमुनाजी का तट हो, स्थान वंशी-वट हो मेरा साँवरा निकट हो, जब प्राण तन से निकलें श्री वृन्दावन का थल हो, मेरे मुख में तुलसी दल हो विष्णु-चरण का जल हो, जब प्राण तन से निकलें […]
Kar Chintan Shri Krishna Ka
श्री राधाकृष्ण कर चिन्तन श्रीकृष्ण का, राधावर का ध्यान अमृत ही अमृत झरे, करुणा-प्रेम निधान जप तप संयम दान व्रत, साधन विविध प्रकार श्रीकृष्ण से प्रेम ही, निगमागम का सार कृष्ण कृष्ण कहते रहो, अमृत-मूरि अनूप श्रुति-शास्त्र का मधुर फल, रसमय भक्ति स्वरूप श्रीराधा की भक्ति में निहित प्यास का रूप आदि अन्त इसमें नहीं, […]
Krishna Katha Nit Hi Sune
सदुपदेश कृष्ण-कथा नित ही सुनें, श्रद्धा प्रेम बढ़ाय जो भी वस्तु परोक्ष हो, सुनें ध्यान में आय नेत्र-कोण की लालिमा, मन्द मन्द मुस्कान वस्त्राभूषण प्रीतिमा, मोहन का हो ध्यान श्रीहरि के माहात्म्य का, करे नित्य ही गान सुदृढ़ प्रेम उन से करें, माधुरी का रस-पान श्रवण, कीर्तन, भजन हो, स्वाभाविक हरि-ध्यान विषयों में रुचि हो […]
Gopi Vallabh Ke Darshan Main
प्रीति-माधुरी गोपीवल्लभ के दर्शन में, मिलता सुख वैसा कहीं नहीं गोपीजन का था प्रेम दिव्य, प्रेमानुराग की सरित् बही दण्डकवन के ऋषि मुनि ही तो, आकर्षित थे राघव प्रति जो वे बनी गोपियाँ, पूर्ण हुर्इं, अभिलाषा थी इनके मन जो वे देह दशा को भूल गर्इं, हृदय में कोई और न था श्रीकृष्णचन्द्र से प्रेम […]
Ghanshyam Mujhe Apna Leo
शरणागति घनश्याम मुझे अपना लेओ, मैं शरण तुम्हारे आन पड़ी मैंने मात, पिता घर बार तजे, तो लोग कहें मैं तो बिगड़ी अब छोड़ सभी दुनियादारी, मैं आस लगा तेरे द्वार खड़ी यौवन के दिन सब बीत गये, नहिं चैन मुझे अब एक घड़ी हे प्राणेश्वर, हे मुरलीधर, मुझको है तुमसे आस बड़ी वह नयन […]
Jamuna Tat Kridat Nand Nandan
होली जमुनातट क्रीड़त नँदनंदन, होरी परम सुहाई युवती-यूथ संग ले राधा, सन्मुख खेलन आई रत्नजटित पिचकारी भरि के, सखी एक ले धाई प्राणप्रिया मुख निरख स्याम को, छिरकत मृदु मुसकाई तब ही गुलाल भरी मुट्ठी में, पिय की ओर चलाई मानों उमगि प्रीति अतिशय हो, बाहिर देत दिखाई दौरि अचानक कुँवरि राधिका, गहे स्याम सुखदाई […]
Jiwan Ko Yagya Banaye Ham
यज्ञ जीवन को यज्ञ बनायें हम निष्काम भाव से ईश्वर को, जब कर्म समर्पित हो जाते तो अहं वासना जल जाते, मुक्ति का दान वही देते हम हवन कुण्ड में समिधा से अग्नि को प्रज्वलित करते आहुति दे घृत वस्तु की, वेदों में यज्ञ इसे कहते जब प्राण बचाने परेवा का, राजा शिवि जो अपने […]
Jo Rahe Vasna Ant Samay
नाम स्मरण जो रहे वासना अन्त समय, वैसी ही गति को प्राप्त करे श्रीराम कृष्ण को स्मरण करे, सद्बुद्धि वही प्रदान करे सम्बन्धी कोई पैदा हो या मर जाये, निर्लिप्त रहें गोपीजन का श्रीकृष्ण प्रेम आदर्श हमारा यही रहे कन्या ससुराल में जाती है, मैके से दूर तभी होये जो प्रभु से लौ लग जाये […]