Purushartha Karo Baithe Na Raho
पुरुषार्थ पुरुषार्थ करो, बैठे न रहो जो सोच-विचार करे उद्यम, ईश्वर का नाम हृदय आये भाग्योदय हो ऐसे जन का, सार्थक जीवन तब हो जाये उत्साहित हो जो कार्य करे, जीविकोपार्जन कर पाये ऐसे ही ठाला बैठ रहे, वह तो आखिर में पछताये वरदान प्रभु का मनुज देह, जो सदुपयोग नहीं कर पाये वह रहे […]
Prabhu Ka Sharanagat Ho Jayen
शरणागति प्रभु के शरणागत हो जायें अपने बल का अभिमान त्याग, उनका ही आश्रय ले पायें प्रभु का ही अंश है जीव मात्र, अंशी की शरण से दुख न रहे साधना ऐसा कोई न और, चिंताएँ भय सब शोक बहे वेदों का सार उपनिषद् है, भगवद्गीता उनका भी सार उसका भी सार शरणागति है, भव-निधि […]
Prabho Vah Kab Din Aayega
प्रतीक्षा प्रभो, वह कब दिन आयेगा होगा जब रोमांच, हृदय गद्गद् हो जायेगा कृष्ण कृष्ण उच्चारण होगा, प्रेमाश्रु नयनों में विस्मृत होगी सारी दुनिया, मग्न पाद-पद्मों में रूप-माधुरी पान करूँगा, बिठलाऊँ हृदय में मिट जायेगा तमस् अन्ततः, लीन होउ भक्ति में
Baso Man Mandir Shyama Shyam
युगल माधुरी बसो मन-मन्दिर, श्यामा-श्याम चपला नव-नीरद से अनुपम, युगल वर्ण अभिराम मुकुलित नयन प्रफुल्लित मुखड़ा, अलकावली ललाम नील वसन, पीताम्बर सोहे, रसिक राधिका श्याम लीला रत सँग ब्रज सुन्दरियाँ, श्री वृन्दावन धाम युगल-रूप सौन्दर्य लजाये, कोटि कोटि रति काम निगमागम के सारभूत को, भज मन आठो याम
Bhaj Le Pyare Hari Ka Nam
नाम स्मरण भजले प्यारे हरि का नाम, इसमें लगे न कुछ भी दाम कर न बुराई कभी किसी की, जप ले मन से हरि का नाम नयनों से दर्शन हो हरि का, सुनों कान से प्रभु का गान करो तीर्थ सेवन पैरों से, करो हाथ से समुचित दान मन बुद्धि श्रद्धा से प्यारे, होय नित्य […]
Manwa Nahi Vichari Re
पछतावा (राजस्थानी) मनवा नहीं विचारी रे थारी म्हारी करता उमर बीति सारी रे बालपणा में लाड़-लड़ायो, माता थारी रे भर जोबन में लगी लुगाई सबसे प्यारी रे बूढ़ो हुयो समझ में आई, ऊमर हारी रे व्यर्थ बिताई करी एक बस, थारी म्हारी रे मिनख जनम खो दियो, तू जप ले कृष्ण मुरारी रे अन्तकाल थारो […]
Main Kusum Kali Hun Pujan Ki
पूजन में प्रेम मैं कुसुम कली हूँ पूजन की, है अहो भाग्य यह मेरा फूलों की मैं माला बन कर, मैं प्रिय के गले लगूँगी उनका मन आल्हादित करके, मैं धन्य-भाग्य होऊँगी मन-मोहन को रिझा सकूँगी, पुष्पगंध के द्वारा अपना जीवन सफल करूँगी, पा लूँगी सुख सारा गद्गद् तब मैं हो जाऊँगी, अश्रुपात नयनों से […]
Yah Jiwan Kitna Sundar Hai
मानव जीवन यह जीवन कितना सुन्दर है जो सदुपयोग ना कर पाये, फिर तो पाया क्या जीवन में खाया पीया अरु भोग किया, अन्तर न रहा नर पशुओं में जो सोच समझने की शक्ति, वरदान रूप में मिली हमें उद्देश्य पूर्ण जीवन जीते, सुर दुर्लभ जीवन मिला हमें संस्कार साथ में ही जाते, इसका कुछ […]
Van Main Raas Chata Chitarai
रास लीला वन में रास छटा छितराई चम्पा बकुल मालती मुकुलित, मनमोहक वनराई कानन में सजधज के गोपियन,रूप धर्यो सुखदाई शरद पूर्णिमा यमुना-तट पे, ऋतु बसंत है छाई आकर्षक उर माल सुवेषित अभिनव कृष्ण पधारे दो-दो गोपी मध्य श्याम ने, रूप अनेकों धारे राजत मण्डल मध्य कन्हैया, संग राधिका प्यारी वेणु बजी ताल और लय […]
Shastriya Vidhan Se Karma Karen
पाप-निवारण शास्त्रीय विधान से कर्म करे, उन कर्मों को ही कहें धर्म जिनका निषेध है वेदों में, कहलाते सारे वे अधर्म अन्तर्यामी सर्वज्ञ प्रभु, करनी को देख रहे सबकी पापों का प्रायश्चित जो न करे, तो दण्डनीय गति हो उनकी कल्याणकारी हरि के कीर्तन, जो कर पाये पूरे मन से पापों का निवारण हो जाये, […]