Khelat Gupal Nav Sakhin Sang
होली खेलत गुपाल नव सखिन संग, अंबर में छायो रंग रंग बाजत बेनु डफ और चंग, कोकिला कुहुक भरती उमंग केसर कुमकुम चंदन सुंगध, तन मन सुध बिसरी युवति वृंद कोइ निरखत है लोचन अघाय,लीनो लपेटि आनंदकंद झोरी भर-भर डारत गुलाल, मन में छाई भारी तरंग
Jiwan Ke Din Bas Char Bache
भक्ति भाव जीवन के दिन बस चार बचे, क्यों व्यर्थ गँवाये जाता है क्यों भक्ति योग का आश्रय ले, कल्याण प्राप्त नहीं करता है अज्ञान तिमिर को दूर करे, भगवान कपिल उपदिष्ट यही माँ देवहूति को प्राप्त वही, जो नहीं सुलभ अन्यत्र कहीं श्रद्धापूर्वक निष्काम भाव से, नित्य कर्म अति उत्तम है प्रतिमा दर्शन,पूजा सेवा, […]
Tulsi Mira Sur Kabir
भक्त कवि तुलसी मीरा सूर कबीर, एक तूणीर में चारों तीर इन तीरों की चोट लगे तब रक्त नहीं, बहे प्रेम की नीर एक तूणीर में चारो तीर, तुलसी मीरा सूर कबीर तुलसीदास हैं राम पुजारी, मीरा के प्रभु गिरधारी सूरदास सूरज सम चमके, सहज दयालु संत कबीर एक तूणीर में चारो तीर, तुलसी मीरा […]
Nam Japan Kyon Chod Diya
नाम-जप नाम जपन क्यों छोड़ दिया क्रोध न छोड़ा, झूँठ न छोड़ा, सत्य वचन क्यों छोड़ दिया झूठे जग में जी ललचा कर, असल देश क्यों छोड़ दिया कौड़ी को तो खूब सम्भाला, लाल-रतन क्यों छोड़ दिया जिहि सुमिरन ते अति सुख पावे, सो सुमिरन क्यों छोड़ दिया रे नर इक भगवान भरोसे, तन-मन-धन क्यों […]
Prabhu Ki Apaar Maya
शरणागति प्रभु की अपार माया, जिसने जगत् रचाया सुख दुःख का नजारा, कहीं धूप कहीं छाँया अद्भुत ये सृष्टि जिसको, सब साज से सजाया ऋषि मुनि या देव कोई, अब तक न पार पाया सब ही भटक रहे है, दुस्तर है ऐसी माया मुझको प्रभु बचालो, मैं हूँ शरण में आया
Prabhu Se Jo Sachcha Prem Kare
हरि-भक्ति प्रभु से जो सच्चा प्रेम करे, भव-सागर को तर जाते हैं हरिकथा कीर्तन भक्ति करे, अर्पण कर दे सर्वस्व उन्हें हम एक-निष्ठ उनके प्रति हों, प्रभु परम मित्र हो जाते हैं लाक्षागृह हो या चीर-हरण, या युद्ध महाभारत का हो पाण्डव ने उनसे प्रेम किया, वे उनका काम बनाते है हो सख्य-भाव उनसे अपना, […]
Bheje Man Bhawan Ke Uddhav Ke Aawan Ki
गोपियों की ललक भेजे मन-भावन के उद्धव के आवन की, सुधि ब्रज-गाँवनि में पावन जबैं लगी कहैं, ‘रतनाकर’ गुवालिनि की झौरि-झौरि, दौरि-दौरि नंद-पौरि आवन तबै लगीं उझकि-उझकि पद-कंजनि के पंजनि पै, पेखि-पेखि पाती छाती छोहनि छबै लगीं हमकौं लिख्यौ है कहा, हमकौं लिख्यौ है कहा, हमकौं लिख्यौ है कहा, कहन सबै लगीं
Rahte Ho Saath Nitya Prabhu Ji
पूजा रहते हो साथ नित्य प्रभुजी, आठ प्रहर दिन रात ही क्यों देख नहीं पाते तुमको, यह अचरज मुझको खलता ही मैं बैठ के नित्य ही आसन पर, लेकर सामग्री हाथों में पूजा करता हूँ विधिवत ही, तब भी दर्शन नहीं पाता मैं आरती दीप से करता हूँ, स्तुति गान भी हूँ गाता तब भी […]
Sharnagat Palak Param Prabho
प्रार्थना शरणागत पालक परम प्रभो, हमको एक आस तुम्हारी है तुम्हरे सम दूजा और नहीं, कोई दीनन को हितकारी है सुधि लेत सदा सब जीवों की, अतिशय करुणा उर धारी है प्रतिपाल करो बिन ही बदले, अस कौन पिता महतारी है बिसराय तुम्हें सुख चाहत जो, वह तो नादान अनारी है ‘परतापनारायण’ तो तुम्हरे, पद-पंकज […]
Samast Srushti Jis Ke Dwara
बुद्धियोग समस्त सृष्टि जिसके द्वारा, सर्वात्मा ईश्वर एक वही सब लोक महेश्वर शक्तिमान, सच्चिदानन्दमय ब्रह्म वही जो कर्म हमारे भले बुरे, हो प्राप्त शुभाशुभ लोक हमें उत्तम या अधम योनियाँ भी, मिलती हैं तद्नुसार हमें हम शास्त्र विहित आचरण करें, शास्त्र निषिद्ध का त्याग करें सांसारिक सुख सब नश्वर है, भगवत्प्राप्ति का यत्न करें निष्काम […]