Radha Mohan Karat Biyaru
ब्यालू राधा मोहन करत बियारू एक ही थार सँवारे सुंदरि, वेष धर्यो मनहारी मधु मेवा पकवान मिठाई, षडरस अति रुचिकारी ‘सूरदास’ को जूठन दीनी, अति प्रसन्न ललितारी
Ghanshyam Bulawe Radha
हिंडोला (राजस्थानी) घनश्याम बुलावे राधा, थे झूलण चालो बाग में मलय-चँदन को बन्यो हिंडोलो, बँधी रेशमी डोर झूलो आप झुलावे मोहन, नाच रह्यो मन-मोर सजधज आई बाग में राधा, कण्ठ फूल को हार चम्पा, जूही और चमेली, शीतल बहे बयार दादुर, मोर, पपीहा बोले, पीव पीव करे पुकार शिव, ब्रह्मा सनकादिक निरखे, कोई न पायो […]
Tulsi Maharani Ko Pranam
तुलसी महिमा तुलसी महारानी को प्रणाम पटरानी ये ही श्री हरि की, जो अद्वितीय लोकाभिराम शालीग्राम के शीश चढ़े वे, हरि अर्चन इनसे ही हो सुख शांति स्वास्थ्य भी दे हमको, जब श्रद्धा से जल सिंचन हो जो भोग लगे नारायण को, तुलसी के बिना नहीं स्वीकारे महिमा अपार तुलसीजी की, माँ भक्ति दान दो, […]
Maa Kshma Karo Aparadh
काली देवी स्तवन माँ क्षमा करो अपराध, शरण मोहि लीजे हे काली! दुर्गा दुर्गति दु:ख विनाशिनि, खड्ग चक्र वाली हे परमेश्वरि, हे कामेश्वरि, विविध रूप वाली अद्भुत शोभा श्रीअंगों की विद्युत-उजियारी हेम-गिरि पे वास तिहारो, चन्द्रमुकुट धारी सर्जन, पालन, प्रलयकारिणी, दिव्य शक्तिशाली दैत्य विदारिणि, ब्रह्मस्वरूपा श्याम वर्णवाली कार्तिकेय, गणपति की जननी, अगणित गुणवाली यश, मंगल, […]
Sadashiv Bholenath Kahayen
सदाशिव महिमा सदाशिव भोलेनाथ कहाये आशुतोष भयहारी शम्भो, महिमा ॠषि-मुनि गाये शरणागत जो करे याचना, वह निहाल हो जाये औढरदानी विरुद तिहारो, अन्य देव सकुचाये वर देकर विचित्र संकट में, अपने को उलझाये भस्मासुर बाणासुर से श्री हरि निस्तार कराये तीन नयन, सर्पों की माला, चिता भस्म लपटाये अशुभ वेष धारण तुम कीन्हों, तो भी […]
Shri Vishnu Dattatrey Hi
भगवान दत्तात्रेय श्री विष्णु दत्तात्रेय ही, सादर नमन उनको करुँ रहते दिगम्बर वेष में, अज्ञान हरते सद्गुरु दुख दूर करने प्राणियों का, तप किया मुनि अत्रि ने बेटा बनूँगा आपका, बोला प्रकट हो विष्णु ने आत्रेय माता अनसुया, जिनमें अहं निःशेष था सर्वोच्च सती के रूप में, प्रख्यात उनका नाम था सती धर्म की लेने […]
Ab Lo Nasani
भजन के पद शुभ संकल्प अब लौं नसानी, अब न नसैंहौं राम-कृपा भव-निसा सिरानी, जागे फिरि न डसैंहौं पायउँ नाम चारु चिंतामनि, उर करतें न खसैंहौं श्याम रूप सुचि रुचिर कसौटी, चित कंचनहिं कसैंहौं परबस जानी हँस्यो इन इंद्रिन, निज बस ह्वै न हँसैंहौं मन मधुकर पन करके ‘तुलसी’, रघुपति पद-कमल बसैंहौं
Jhulat Ram Palne Sohe
झूला झूलत राम पालने सोहैं, भूरि-भाग जननीजन जोहैं तन मृदु मंजुल मे चकताई, झलकति बाल विभूषन झाँई अधर – पानि – पद लोहित लोने, सर – सिंगार – भव सारस सोने किलकत निरखि बिलोल खेलौना, मनहुँ विनोद लरत छबि छौना रंजित – अंजन कंज – विलोचन, भ्रातज भाल तिलक गोरोचन लस मसिबिंदु बदन – बिधुनीको, […]
Shri Ram Chandra Krapalu Bhaj Man
श्री राम स्तुति श्री रामचन्द्र कृपालु भजु मन, हरण भवभय दारुणम् नवकंज-लोचन कंज-मुख कर-कंज पद-कंजारुणम् कंदर्प अगणित अमित छबि, नव नील-नीरद-सुंदररम पट-पीत मानहुँ तड़ित रूचि शुचि नौमि जनक-सुतावरम् भजु दीन-बंधु दिनेश दानव, दैत्य-वंश निकंदनम् रघुनंद आनंदकंद कौशलचंद दशरथ-नंदनम् सिर मुकुट, कुण्डल तिलक चारु उदारु अंग विभूषणम् आजानु भुज, शर-चाप-धरि, संग्राम-जित-खरदूषणम् इति वदति ‘तुलसीदास’ शंकर-शेष-मुनि-मन रंजनम् […]
Jo Kamal Nayan Prasanna Vadan
श्रीराम स्तुति जो कमल-नयन प्रसन्न वदन, पीताम्बर लंकृत श्रीराम प्रभु असुर-निकंदन, हितकारी गो-द्विज के, राघव को प्रणाम जिनकी माया के वशीभूत, यह जगत् सत्य लगता हमको नौका हैं चरण कमल जिनके, भवसागर से तर जाने को है अविनाशी घटघट वासी, इन्द्रियातीत सच्चिदानन्द हे भव-भय-भंजन, मुनि-जन रंजन, लक्ष्मीपति करुणानिधि मुकुन्द शारदा, शेष, सुर, ऋषिमुनि भी, यशगान […]