Purushartha Kiya Gat Jivan Main

पुरुषार्थ पुरुषार्थ किया गत जीवन में, प्रारब्ध वही तो होता है जो आज करें हम कर्म वही, कल का भविष्य हो जाता है आवश्यक हम सत्कार्य करे, तत्क्षण फल की आशा न करें भगवान् कृष्ण भी अर्जुन को, ये ही उपदेश प्रदान करें कहीं होनहार की आड़ लिये, हम अकर्मण्य नहीं हो जाये कर्तव्य-कर्म हम […]

Prabhu Rakho Laj Hamari

शरणागति प्रभु! राखो लाज हमारी अमृत बना पिया विष मीरा, चरण-कमल बलिहारी जिन भक्तों ने लिया सहारा, उनकी की रखवारी खोया समय भोग में मैंने, तुमको दिया बिसारी पापी कौन बड़ा मेरे से, तुम हो कलिमल हारी प्रीति-पात्र मैं बनूँ तुम्हारा, संबल दो बनवारी अविनय क्षमा करो नँदनंदन, आया शरण तुम्हारी जो चाहे सो रूप […]

Bhaj Le Pyare Hari Ka Nam

नाम स्मरण भजले प्यारे हरि का नाम, इसमें लगे न कुछ भी दाम कर न बुराई कभी किसी की, जप ले मन से हरि का नाम नयनों से दर्शन हो हरि का, सुनों कान से प्रभु का गान करो तीर्थ सेवन पैरों से, करो हाथ से समुचित दान मन बुद्धि श्रद्धा से प्यारे, होय नित्य […]

Rachyo Annakut Vidhivat Hai

अन्नकूट रच्यौ अन्नकूट विधिवत् है ब्रज में पाक बनाये गोप गोपियाँ ग्वाल-बाल, मन मोद बढ़ाये मीठे और चरपरे व्यंजन, मन ललचाये गिनती हो नहीं सके, देख सब ही चकराये तुलसी दल की पुष्पमाल गोवर्धन पहने चंदन केशर तो ललाट पे, शोभित गहने मोरपंख का मुकट, गले में तो वनमाला गोवर्धन ये नहीं, किन्तु है नंद […]

Vrandavan Se Uddhav Aaye

उद्धव की वापसी वृंदावन से उद्धव आये श्यामसुँदर को गोपीजन के मन की व्यथा सुनाये कहा एक दिन ‘राधारानी बोलीं श्याम सुजान बिना दरस मनमोहन के, ये निकले क्यों नहिं प्रान’ इसी भाँति बिलखत दिन जाये, निशा नींद नहिं आये जाग रही सपना भी दुर्लभ, दर्शन-प्यास सताये दुख असह्य गोपीजन को भी, करुणा कुछ मन […]

Satswarup Hai Aatma

सत्य दर्शन सत्स्वरूप है आत्मा, जो स्वभावतः सत्य झूठ बाहरी वस्तु है, जो अवश्य ही त्याज्य धन आसक्ति प्रमादवश, व्यक्ति बोलता झूठ सत्य आचरण ही करें, प्रभु ना जाए रूठ छद्म पूर्ण हो चरित तो, कहीं न आदर पाय कपट शून्य हो आचरण, विश्वासी हो जाय काम क्रोध व लोभ है, सभी नरक के द्वार […]

Bujhat Shyam Kon Tu Gori

राधा कृष्ण भेंट बूझत श्याम कौन तूँ गोरी कहाँ रहति काकी है बेटी, देखी नहीं कहूँ ब्रज खोरी काहे को हम ब्रजतन आवति, खेलति रहति आपनी पोरी सुनति रहति श्रवननि नंद ढोटा, करत रहत माखन दधि-चोरी तुम्हरो कहा चोरि हम लैहैं, खेलन चलो संग मिलि जोरी ‘सूरदास’ प्रभु रसिक सिरोमनि, बातनि भुरइ राधिका भोरी

Jag Uthe Bhagya Bharat Ke

श्री राधा प्राकट्य जग उठे भाग्य भारत के, परम आनन्द है छाया श्याम की प्रियतमा राधा, प्रकट का काल शुभ आया बज उठीं देव-दुन्दुभियाँ, गान करने लगे किन्नर सुर लगे पुष्प बरसाने, अमित आनन्द उर में भर चले सब ग्वाल नर नारी, वृद्ध बालक सुसज्जित हो सभी मन में प्रफुल्लित हो, देवियाँ देव हर्षित हो […]

Jhumat Radha Sang Giridhar

होली झूमत राधा संग गिरिधर, झूमत राधा संग अबीर, गुलाल की धूम मचाई, उड़त सुगंधित रंग लाल भई वृन्दावन-जमुना, भीज गये सब अंग नाचत लाल और ब्रजनारी, धीमी बजत मृदंग ‘मीराँ’ के प्रभु गिरिधर नागर, छाई बिरज उमंग

Jhula Jhule Shri Giridhari

झूला झूला झूले श्री गिरधारी मणिमय जटित हिंडोला बैठे, संग में प्राण पियारी वाम भाग सोहत श्री राधा, पहन लहरिया सारी शीतल मन्द सुगन्धित वायु, श्याम घटा मनहारी कोकिल मोर पपीहा बोले, मधुर गान सुखकारी फूल-हार, फूलों का गजरा, युगल रूप छबि न्यारी