Mano Mano Nand Ji Ke Lal

होली मानो मानो नंदजी के लाल चूनर, चोली भिगा दी सारी, डारो न और गुलाल जमुना से जल भर मैं आई, तब भी करी ढिठाई दौड़ के मोरी गगरी गिराई, कैसो कर दियो हाल गीली चुनरिया सास लड़ेगी, ननँद साथ नहीं देगी काहू भाँति नहीं बात बनेगी, नटखट करी कुचाल नंदकुँवर खेली जो होरी, करी […]

Mo Se Kaha Na Jay Kaha Na Jay

मोहन के गुण मो से कहा न जाय, कहा न जाय, मनमोहन के गुण सारे अविनाशी घट घट वासी, यशुमति नन्द दुलारे लाखों नयना दरस के प्यासे, वे आँखों के तारे गोपियन के संग रास रचाये, मुरलीधर मतवारे शरद पूर्णिमा की रजनी थी, रास रचायो प्यारे उनके गुण सखि कितने गाऊँ, वे सर्वस्व हमारे 

Ramanuj Lakshman Ki Jay Ho

श्री लक्ष्मण रामानुज लक्ष्मण की जय हो भगवान् राम के भक्तों का, सारे संकट को हरते हो शेषावतार को लिये तुम्ही, पृथ्वी को धारण करते हो हो प्राणनाथ उर्मिला के, सौमित्र तुम्हीं कहलाते हो महान पराक्रमी, सत्-प्रतिज्ञ, रघुवर के काज सँवारते हो मुनि विश्वामित्र, जनक राजा, श्री रामचन्द्र के प्यारे हो अभिमान परशुरामजी का जो […]

Vrandavan Se Uddhav Aaye

उद्धव की वापसी वृंदावन से उद्धव आये श्यामसुँदर को गोपीजन के मन की व्यथा सुनाये कहा एक दिन ‘राधारानी बोलीं श्याम सुजान बिना दरस मनमोहन के, ये निकले क्यों नहिं प्रान’ इसी भाँति बिलखत दिन जाये, निशा नींद नहिं आये जाग रही सपना भी दुर्लभ, दर्शन-प्यास सताये दुख असह्य गोपीजन को भी, करुणा कुछ मन […]

Shri Krishna Ka Virah

श्री चैतन्य महाप्रभु श्री कृष्ण का विरह आपको आठों ही प्रहर सताये श्री महाप्रभु चैतन्य वही जो राधा भाव दिखाये राधा कान्ति कलेवर अनुपम, भक्तों के मन भाये रोम रोम में हाव भाव में, गीत कृष्ण के गाये प्रेमावतार महाप्रभु अन्तस में, राधावर छाये ओत प्रोत है कृष्ण-भक्ति से, जन-मन वही लुभाये  

Sakhi Aayo Fagun Mas

होली सखि, आयो फागुन मास, चलों हम खेलें होरी गोपी-जन को कहें प्रेम से राधा गोरी इतने में ज्यों दिखे श्याम, गोपियाँ दौड़ी आई कहाँ छिपे थे प्यारे अब तक कृष्ण कन्हाई घेर श्याम को होरी की फिर धूम मचाई सब मिलकर डाले रंग उन्हीं पर, सुधि बिसराई मौका पा पकड़े मोहन राधा रानी को […]

Aiso Ko Udar Jagmahi

राम की उदारता ऐसो को उदार जग माहीं बिनु सेवा जो द्रवै दीन पर, राम सरिस कोउ नाहीं जो गति जोग बिराग जतन करि, नहिं पावत मुनि ग्यानी सो गति देत गीध सबरी कहँ, प्रभु न बहुत जिय जानी जो संपत्ति दस सीस अरपि करि रावन सिव पहँ लीन्हीं सोई संपदा विभीषन कहँअति, सकुच सहित […]

Jhulat Ram Palne Sohe

झूला झूलत राम पालने सोहैं, भूरि-भाग जननीजन जोहैं तन मृदु मंजुल मे चकताई, झलकति बाल विभूषन झाँई अधर – पानि – पद लोहित लोने, सर – सिंगार – भव सारस सोने किलकत निरखि बिलोल खेलौना, मनहुँ विनोद लरत छबि छौना रंजित – अंजन कंज – विलोचन, भ्रातज भाल तिलक गोरोचन लस मसिबिंदु बदन – बिधुनीको, […]

Raghuvar Tumko Meri Laj

विरूद रघुवर तुमको मेरी लाज सदा सदा मैं सरन तिहारी, तुम बड़े गरीब-निवाज पतित उधारन विरूद तिहारो, श्रवनन सुनी आवाज हौं तो पतित पुरातन कहिये, पार उतारो जहाज अघ खंडन, दुख-भंजन जन के, यही तिहारो काज, ‘तुलसिदास’ पर किरपा करिये, भक्ति दान देहु आज

Aaj Barsane Bajat Badhai

श्री राधा प्राकट्य आज बरसाने बजत बधाई प्रगट भई वृषभानु गोप के सबही को सुखदाई आनँद मगन कहत युवती जन, महरि बधावन आई बंदीजन, मागध, याचक, गुन, गावत गीत सुहाई जय जयकार भयो त्रिभुवन में, प्रेम बेलि प्रगटाई ‘सूरदास’ प्रभु की यह जीवन-जोरी सुभग बनाई