Khatir Kar Le Nai Gujarya

रसिया खातिर कर ले नई गुजरिया, रसिया ठाड़ो तेरे द्वार ठाड़ौ तेरे द्वार रसिया, ठाड़ौ तेरे द्वार ये रसिया तेरे नित नहिं आवै, प्रेम होय तो दर्शन पावै, अधरामृत को भोग लगावै, कर मेहमानी अब मत चूके समय न बारम्बार हिरदे की चौकी कर हेली, नेह को चंदन लगा नवेली, दीक्षा ले बनि जैयो चेली, […]

Chalo Man Shri Vrindavan Dham

राधा कृष्ण चलो मन श्री वृन्दावन धाम किसी कुंज या यमुना-तट पे, मिल जायेंगे श्याम सुन्दर छबिमय मोर-मुकुट में, सातो रंग ललाम वही सुनहरे पीत-वसन में, शोभित शोभा-धाम वनमाला के सुमन सुमन में, सुलभ शुद्ध अनुराग और बाँसुरी की सुर-धुन में, राधा का बस राग सुन्दरियों संग रास रमण में, प्रेम ज्योति अभिराम राधा दीखे […]

Chaitanya Swarup Hi Atma Hai

आत्मानुभूति चैतन्य स्वरूप ही आत्मा है यह शुद्ध देह का शासक है, अन्तःस्थित वही शाश्वत है आत्मा शरीर को मान लिया, मिथ्या-विचार अज्ञान यही यह देह मांसमय अपवित्र और नाशवान यह ज्ञान सही है इच्छाओं का तो अन्त नहीं, मन में जिनका होता निवास मृग-तृष्णा के ही तो सदृश, मानव आखिर होता निराश यह राग […]

Jay Jay Durge Jay Maheshwari

दुर्गा स्तवन जय जय दुर्गे जय माहेश्वरी, आर्त जनों की तुम रखवारी शैल नन्दिनी सुर-मुनि सेवित, पाप-पुँज की नाशन हारी पूर्णचन्द्र सम प्रभा वदन की, विश्व विमोहिनी दीप्ति तुम्हारी शूल धारिणी सिंह वाहिनी, महिषासुर को मर्दनवारी शुम्भ-निशुम्भ मुण्ड गल माला, अंधक दैत्य विशोषण हारी शोभा, क्षमा, शान्ति, श्रद्धा, धृति, विजय रूपिणी, पालनहारी जय जय सुखदा […]

Jo Janme Maharaj Nabhi Ki

श्री ऋषभदेव जो जन्मे महाराज नाभि के, पुत्र रूप से विष्णु ही थे जो कहलाये, ऋषभ नाम से बड़े हुए तो किया अध्ययन वेदशास्त्र का सौंपा तब दायित्व पिता ने राजकाज का सुख देकर सन्तुष्ट किया, भलीभाँति प्रजा को हुई इन्द्र को ईर्ष्या तो, रोका वर्षा को ऋषभदेव ने वर्षा कर दी, योग शक्ति से […]

Tulsi Mira Sur Kabir

भक्त कवि तुलसी मीरा सूर कबीर कण्ठहार जन जन के चारों, हर लेते तन मन की पीर रामचरित के तुलसी गायक, कृष्ण भक्ति में सूर अधीर मीराबाई कृष्ण विरहिणी, कबीर देते ज्ञान गँभीर भक्ति, ज्ञान अरु कर्म समन्वय तुलसी की रामायण में बालकृष्ण की लीलाओं का भाव सूर के गीतों में गिरिधारी के दर्शन पाने […]

Dhara Par Pragte Palanhar

श्रीकृष्ण प्राकट्य धरा पर प्रगटे पालनहार, बिरज में आनँद छायो रे पीत पताका घर घर फहरे, मंगल गान हर्ष की लहरें गूँजे पायल की झंकार, विरज में आनँद छायो रे नर-नारी नाचे गोकुल में, मात यशोदा बलि बलि जाए द्वारे भीर गोप-गोपिन की, बिरज में आनंद छायो रे दान दे रहे नंद जसोदा, माणिक मोती […]

Nishthur Bane Ho Kaise

विरह वेदना निष्ठुर बने हो कैसे, चित्तचोर हे बिहारी चित्तवन तुम्हारी बाँकी, सर्वस्व तुम्ही पे वारी सूरत तेरी सुहानी, नैनों में वह समाई हम से सहा न जाये, ऐसा वियोग भारी मुरली की धुन सुना दो, रस प्यार का बहा दो चन्दा सा मुख दिखा दो, अनुपम छबि तुम्हारी वन वन भटक रही है, तुमको […]

Prabhu Ko Prasanna Ham Kar Paye

श्रीमद्भागवत प्रभु को प्रसन्न हम कर पाये चैतन्य महाप्रभु की वाणी, श्री कृष्ण भक्ति मिल जाये कोई प्रेम भक्ति के बिना उन्हें, जो अन्य मार्ग को अपनाये सखि या गोपी भाव रहे, संभव है दर्शन मिल जाये हम दीन निराश्रय बन करके, प्रभु प्रेमी-जन का संग करें भगवद्भक्तों की पद-रज को, अपने माथे पर स्वतः […]

Vanshi Vat Jamuna Ke Tat Par

होली वंशी-वट जमुना के तट पर, श्याम राधिका खेले होरी ग्वाल-बाल संग में गिरिधारी, सज आई बृजभानु दुलारी संग लिये ब्रजवाल, खेल रहे होरी पिचकारी भर रंग चलावैं, भर भर मूठ गुलाल उड़ावैं धरा गगन भये लाल, खेल रहे होरी केसर कुंकुम और अरगजा, मलै परस्पर श्याम भानुजा बाढ्यो प्रेम विशाल, खेल रहे होरी लाल […]