Bhaj Man Shri Radhe Gopal

श्रीराधाकृष्ण स्तुति भज मन श्री राधे गोपाल स्निग्ध कपोल, अधर-बिंबाफल लोचन परम विशाल शुक-नासा, भौं दूज-चन्द्र-सम, अति सुंदर है भाल मुकुट चंद्रिका शीश लसत है, घूँघर वाले बाल रत्न जटित, कुंडल, कर-कंगन, गल मोतियन की माल पग नूपुर-मणि-खचित बजत जब, चलत हंस गति चाल गौर श्याम तनु वसन अमोलक, चंचल नयन विशाल मृदु मुसकान मनोहर […]

Maa Kshma Karo Aparadh

काली देवी स्तवन माँ क्षमा करो अपराध, शरण मोहि लीजे हे काली! दुर्गा दुर्गति दु:ख विनाशिनि, खड्ग चक्र वाली हे परमेश्वरि, हे कामेश्वरि, विविध रूप वाली अद्भुत शोभा श्रीअंगों की विद्युत-उजियारी हेम-गिरि पे वास तिहारो, चन्द्रमुकुट धारी सर्जन, पालन, प्रलयकारिणी, दिव्य शक्तिशाली दैत्य विदारिणि, ब्रह्मस्वरूपा श्याम वर्णवाली कार्तिकेय, गणपति की जननी, अगणित गुणवाली यश, मंगल, […]

Main Hari Main Hari Main Hari O Giridhari

प्रतीक्षा मैं हारी, मैं हारी, मैं हारी ओ गिरिधारी आप बिसारे, पर ना हारी, पंथ निहारे हारी मैं हारी…. पतझर बीता डाल डाल पर नये पात फिर छाये, पर ना दुखिया मन में मेरे, फिरे भाग फिर आये सुख के दिन क्या बीत चले, मैं आशा धारे हारी मैं हारी… आँचल भींग गये आँसू से, […]

Radha Mul Shakti Avatar

शक्ति रुपिणी राधा राधा मूल-शक्ति अवतार प्रेम वही, पुरषार्थ वही है, वही सृष्टि-विस्तार परम ज्योति उतरी बरसाना, महिमा अपरम्पार सेवाधाम बना वृन्दावन, लीला मधुर अपार सरल-सरस जीवन अति प्रमुदित, कैसा मृदु-व्यवहार राधा-प्रेरित कान्हा द्वारा, हुआ जगत् उद्धार 

Banar Jabaro Re

लंका दहन (राजस्थानी) बानर जबरो रे, लंका नगरी में मच गयो हाँको रे मात सीताजी आज्ञा दीनी, फल खा तूँ पाको रे कूद पड्यो इतने में तो हनुमत मार फदाको रे रूख उठाय पटक धरती पर, भोग लगाय फलाँ को रे राक्षसियाँ अरडावे सारी, काल आ गयो म्हाको रे उजड़ गई अशोक वाटिका, बिगड़ग्यो सारो […]

Shobhit Shri Vrindavan Dham

श्री वृन्दावन धाम शोभित श्री वृन्दावन धाम यमुनाजी की पावन धारा, क्रीड़ा रत घनश्याम गिरि गोवर्धन पास यहाँ पर, भ्रमण करे गोपाल गौएँ चरतीं, मोर नाचते, मुरली शब्द रसाल मग्न मोर ने पाँख गिराई, सिर पर धरली श्याम राधा रानी के मयूर ने, करी भेंट अभिराम धन्य धन्य अनुपम वृन्दावन, जहाँ गोपियों संग रास रचायो […]

Shri Ram Jape Ham Kaise Hi

राम नाम महिमा श्री राम जपें हम कैसे ही उलटा नाम जपा वाल्मीकि ने, ब्रह्मर्षि हो गये वही लिया अजामिल ने धोखे से नाम तर गया भवसागर द्रुपद-सुता जब घिरी विपद् से, लाज बचाई नटनागर गज, गणिका का काम बन गया, प्रभु-कृपा से ही तो प्रतीति प्रीति हो दो अक्षर में, श्रीराम मिले उसको तो […]

Sarva Pratham Ganapati Ko Puje

श्री गणेश स्तवन सर्वप्रथम गणपति को पूजे, पश्चात् कार्य आरम्भ करें जो सृष्टि के कर्ता-धर्ता, वे विपदाएँ तत्काल हरें गजवदन विनायक एकदन्त जो, प्रगट भये सब हर्ष भरे मुदित हुए पार्वति शिवशंकर, इन्द्र, अप्सरा नृत्य करें वक्रतुण्ड लम्बोदर गणपति, निरख चन्द्रमा हँसी करे शाप दियो तब चन्द्रदेव को, कलाहीन तत्काल करे ॠद्धि-सिद्धि के बीच विराजै, […]