Jo Janme Maharaj Nabhi Ki
श्री ऋषभदेव जो जन्मे महाराज नाभि के, पुत्र रूप से विष्णु ही थे जो कहलाये, ऋषभ नाम से बड़े हुए तो किया अध्ययन वेदशास्त्र का सौंपा तब दायित्व पिता ने राजकाज का सुख देकर सन्तुष्ट किया, भलीभाँति प्रजा को हुई इन्द्र को ईर्ष्या तो, रोका वर्षा को ऋषभदेव ने वर्षा कर दी, योग शक्ति से […]
Tulsi Mira Sur Kabir
भक्त कवि तुलसी मीरा सूर कबीर कण्ठहार जन जन के चारों, हर लेते तन मन की पीर रामचरित के तुलसी गायक, कृष्ण भक्ति में सूर अधीर मीराबाई कृष्ण विरहिणी, कबीर देते ज्ञान गँभीर भक्ति, ज्ञान अरु कर्म समन्वय तुलसी की रामायण में बालकृष्ण की लीलाओं का भाव सूर के गीतों में गिरिधारी के दर्शन पाने […]
Dhara Par Pragte Palanhar
श्रीकृष्ण प्राकट्य धरा पर प्रगटे पालनहार, बिरज में आनँद छायो रे पीत पताका घर घर फहरे, मंगल गान हर्ष की लहरें गूँजे पायल की झंकार, विरज में आनँद छायो रे नर-नारी नाचे गोकुल में, मात यशोदा बलि बलि जाए द्वारे भीर गोप-गोपिन की, बिरज में आनंद छायो रे दान दे रहे नंद जसोदा, माणिक मोती […]
Nishthur Bane Ho Kaise
विरह वेदना निष्ठुर बने हो कैसे, चित्तचोर हे बिहारी चित्तवन तुम्हारी बाँकी, सर्वस्व तुम्ही पे वारी सूरत तेरी सुहानी, नैनों में वह समाई हम से सहा न जाये, ऐसा वियोग भारी मुरली की धुन सुना दो, रस प्यार का बहा दो चन्दा सा मुख दिखा दो, अनुपम छबि तुम्हारी वन वन भटक रही है, तुमको […]
Prabhu Ko Prasanna Ham Kar Paye
श्रीमद्भागवत प्रभु को प्रसन्न हम कर पाये चैतन्य महाप्रभु की वाणी, श्री कृष्ण भक्ति मिल जाये कोई प्रेम भक्ति के बिना उन्हें, जो अन्य मार्ग को अपनाये सखि या गोपी भाव रहे, संभव है दर्शन मिल जाये हम दीन निराश्रय बन करके, प्रभु प्रेमी-जन का संग करें भगवद्भक्तों की पद-रज को, अपने माथे पर स्वतः […]
Vanshi Vat Jamuna Ke Tat Par
होली वंशी-वट जमुना के तट पर, श्याम राधिका खेले होरी ग्वाल-बाल संग में गिरिधारी, सज आई बृजभानु दुलारी संग लिये ब्रजवाल, खेल रहे होरी पिचकारी भर रंग चलावैं, भर भर मूठ गुलाल उड़ावैं धरा गगन भये लाल, खेल रहे होरी केसर कुंकुम और अरगजा, मलै परस्पर श्याम भानुजा बाढ्यो प्रेम विशाल, खेल रहे होरी लाल […]
Bhagwan Radha Krishna Karuna Kar
प्रार्थना भगवान् राधाकृष्ण करुणा कर मुझे अपनाइये संसार-सागर में पड़ा, अविलम्ब आप बचाइये धन बंधु बांधव मोह माया, जाल में हूँ मैं फँसा आसक्ति से कर मुक्त, जीवन पर सुधा बरसाइये प्रभु दोष मेरे अनगिनत, अपराध का भण्डार हूँ गति हीन, साधन हीन के, सब क्लेश कष्ट निवारिये मैं प्रिया प्रियतम राधिका श्री कृष्ण का […]
Mahaveer Aapki Jay Ho
महावीर हनुमान महावीर आपकी जय जय हो संताप, शोक, हरने वाले, हनुमान आपकी जय जय हो सात्विक-गुण बुद्धि के सागर, अंजनी पुत्र की जय जय हो आनन्द बढ़ाये रघुवर का, केसरी-नंदन की जय जय हो माँ सीता के दुख दूर किये, इन पवन-पुत्र की जय जय हो भुज-दण्ड बड़े जिनके प्रचण्ड, रुद्रावतार की जय-जय हो […]
Main Bhul Gai Sakhi Apne Ko
गोपी की प्रीति मैं भूल गई सखि अपने को नित्य मिलन का अनुभव करती, जब से देखा मोहन को प्रात: संध्या दिवस रात का, भान नहीं रहता मुझको सपने में भी वही दिखता, मन की बात कहूँ किसको कैसी अनुपम मूर्ति श्याम की, कैसा मनहर उसका रूप नयन हुए गोपी के गीले, छाया मन सौन्दर्य […]
Rahte Ho Saath Nitya Prabhu Ji
पूजा रहते हो साथ नित्य प्रभुजी, आठ प्रहर दिन रात ही क्यों देख नहीं पाते तुमको, यह अचरज मुझको खलता ही मैं बैठ के नित्य ही आसन पर, लेकर सामग्री हाथों में पूजा करता हूँ विधिवत ही, तब भी दर्शन नहीं पाता मैं आरती दीप से करता हूँ, स्तुति गान भी हूँ गाता तब भी […]