Aao Manmohan Ji Jou Thari Baat

प्रतीक्षा आओ मनमोहनाजी, जोऊँ थारी बाट खान-पान मोहि नेक न भावै, नयनन लगे कपाट तुम देख्या बिन कल न पड़त है हिय में बहुत उचाट मीराँ कहे मैं भई रावरी, छाँड़ो नहीं निराट

Mere Ghar Aao Sundar Shyam

विरह व्यथा मेरे घर आवो सुन्दर श्याम तुम आया बिन सुख नहीं मेरे, पीरी परी जैसे पान मेरे आसा और न स्वामी, एक तिहारो ही ध्यान ‘मीराँ’ के प्रभु वेग मिलो अब, राखोजी मेरो मान

Mhare Ghar Aao Pritam Pyara

आओ प्रीतम म्हारे घर आओ प्रीतम प्यारा, जग तुम बिन लागे खारा तन-मन धन सब भेंट धरूँगी, भजन करूँगी तुम्हारा तुम गुणवंत सुसाहिब कहिये, मोमें औगुण सारा मैं निगुणी कछु गुण नहिं जानूँ, ये सब बगसण हारा ‘मीराँ’ कहे प्रभु कब रे मिलोगे, तुम बिन नैण दुखारा

Aao Aao Shyam Hraday Ki Tapan Bujhao

हृदय की तपन आओ आओ श्याम, हृदय की तपन बुझाओ चरण कमल हिय धरो, शोक संताप नसाओ यों कहि रोई फूटि-फूटि के, गोपी सस्वर रहि न सके तब श्याम भये, प्रकटित तहँ सत्वर मदन मनोहर वेष तैं, मनमथ के मनकूँ करत प्रकटे प्रभु तिन मध्य में, शोक मोह हियको हरत