Karuna Ke Sukh Sagar Data

श्रीराम प्राकट्य करुणा के सागर, सुखदाता, यश गाये जिनका वेद संत श्यामल सुन्दर राजीव नयन, शोभा-सागर कीरति अनन्त माँ कौसल्या ने जन्म दिया, आयुध है चार भुजाओं में भूषण गल माला अद्वितीय, हर्षित सब ऋषि मुनि सुर मन में अवतार लिया दशरथ सुत हो, शिशु रूप धरा तब राघव ने प्रिय लीला करने लगे तभी, […]

Tore Ang Se Ang Mila Ke Kanhai

प्रेम दिवानी तोरे अंग से अंग मिला के कन्हाई, मैं हो गई काली मल-मल धोऊँ पर नहीं छूटे, ऐसी छटा निराली तेरा तन काला और मन काला है, नजर भी तेरी काली नैनों से जब नैन मिले तो, हो गई मैं मतवाली तू जैसा तेरी प्रीत भी वैसी, एक से एक निराली करूँ लाख जतन […]

Ram Nam Ke Do Akshar

राम नाम महिमा राम नाम के दो अक्षर, पापों का, सुनिश्चित शमन करें विश्वास और श्रद्धापूर्वक, जपले भवनिधि से पार करें हो कामकाज चलते बैठे, बस राम नाम उच्चारण हो भोगे न यातना यम की वह और परम शान्तिमय जीवन हो दो अक्षर हैं ये मन्त्रराज, जो जपे कार्य सब सफल करे देवता लोग, सब […]

Gopiyan Aai Nand Ke Dware

होली गोपियाँ आईं नन्द के द्वारे खेलत फाग बसंत पंचमी, पहुँचे नंद-दुलारे कोऊ अगर कुमकुमा केसर, काहू के मुख पर डारे कोऊ अबीर गुलाल उड़ावे, आनँद तन न सँभारे मोहन को गोपी निरखत सब, नीके बदन निहारे चितवनि में सबही बस कीनी, मनमोहन चित चोरे ताल मृदंग मुरली दफ बाजे, झाँझर की झन्कारे ‘सूरदास’ प्रभु […]

Meera Magan Hari Ke Gun Gay

मग्न मीरा मीराँ मगन हरि के गुण गाय साँप-पिटारा राणा भेज्या, मीराँ हाथ दियो जाय न्हाय धोय जब देखण लागी, सालिगराम गई पाय जहर को प्याला राणाजी भेज्या, अमृत दियो बनाय न्हाय धोय जब पीवण लागी, हो गई अमर अँचाय सूल सेज राणाजी भेजी, दीज्यो मीराँ सुलाय साँझ भई मीराँ सोवण लागी, मानो फूल बिछाय […]

Kashyap Aditi Ke Putra Rup

भगवान् वामन कश्यप अदिति के पुत्र रूप जन्मे हरि, शिव अज हर्षाये वामन का रूप धरा हरिने, बलियज्ञ भूमि पर वे आये स्वागत करके बलि यों बोले, जो चाहे कुछ तो माँगो भी हरि बोले ‘भूमि दो तीन पैर, हो जरा न कम या ज्यादा भी’ बलि ने ज्योंही हामी भरदी, वामन ने रूप अनन्त […]

Nand Rani Ji Ke Putra Hua

श्रीकृष्ण प्राकट्य नन्दरानीजी के पुत्र हुआ यह सुन करके ब्रज में सबके मन में भारी आनन्द हुआ कई मनौतियाँ अरु पुण्यों के परिणाम रूप बेटा आया तभी बधाई में दाई ने, मनचाहा रत्न हार पाया गोप गोपियाँ सजे धजे, आशीष दे रहे लाला को चिरजीवों यशोदा के लाल, परिपूर्ण कर दिया आशा को डफ झाँझ […]

Sanakadik Devon Ke Purvaj

श्री सनकादि का उपदेश सनकादिक देवों के पूर्वज, ब्रह्माजी के मानस ये पूत मन में जिनके आसक्ति नहीं, वे तेजस्वी प्रज्ञा अकूत है सदुपदेश उनका ये ही ‘धन इन्द्रिय-सुख के हों न दास’ पुरुषार्थ चतुष्टय उपादेय, सद्भाव, चरित का हो विकास विद्या सम कोई दान नहीं, सत् के समान तप और नहीं आसक्ति सदृश न […]

Chalat Lal Penjani Ke Chai

बालकृष्ण लीला चलत लाल पैंजनि के चाइ पुनि-पुनि होत नयौ-नयौ आनँद, पुनि पुनि निरखत पाँइ छोटौ बदन छोटि यै झिंगुली, कटि किंकिनी बनाइ राजत जंत्र हार केहरि नख, पहुँची रतन जराइ भाल तिलक अरु स्याम डिठौना, जननी लेत बलाइ तनक लाल नवनीत लिए कर, ‘सूरदास’ बलि जाइ

Main Giridhar Ke Ghar Jau

प्रगाढ़ प्रीति मैं गिरिधर के घर जाऊँ गिरिधर म्हाँरो साँचो प्रीतम, देखत रूप लुभाऊँ रैन पड़ै तब ही उठ जाऊँ, भोर भये उठि आऊँ रैन दिना वाके सँग खेलूँ, ज्यूँ त्यूँ ताहि रिझाऊँ जो पहिरावै सोई पहिरूँ, जो दे सोई खाऊँ मेरी उनकी प्रीति पुरानी, उन बिन पल न रहाऊँ जहाँ बैठावे तितही बैठूँ, बेचे […]