Jo Janme Maharaj Nabhi Ki

श्री ऋषभदेव जो जन्मे महाराज नाभि के, पुत्र रूप से विष्णु ही थे जो कहलाये, ऋषभ नाम से बड़े हुए तो किया अध्ययन वेदशास्त्र का सौंपा तब दायित्व पिता ने राजकाज का सुख देकर सन्तुष्ट किया, भलीभाँति प्रजा को हुई इन्द्र को ईर्ष्या तो, रोका वर्षा को ऋषभदेव ने वर्षा कर दी, योग शक्ति से […]

Vedon Ki Mata Gayatri

वेदमाता गायत्री वेदों की माता गायत्री, सद्बुद्धि हमें कर दो प्रदान महात्म्य अतुल महादेवी का, शास्त्र पुराण करते बखान वरदायिनि देवी का विग्रह, ज्योतिर्मय रवि-रश्मि समान ब्रह्मस्वरूपिणि, सर्वपूज्य, परमेश्वरी की महिमा महान जो विद्यमान रवि-मण्डल में, उन आदि शक्ति को नमस्कार अभिलाषा पूर्ण करें, जप लो, गायत्री-मंत्र महिमा अपार  

Aarti Shri Ramcharit Manas Ki

श्री रामचरित मानस- रामायण आरती आरती रामचरित मानस की, रचना पावन चरित राम की निगमागम का सार इसी में, वाल्मीकि ऋषि, तुलसी गाये रामचरितमानस रामायण, निश्चल-भक्ति सुधा बरसाये पति-व्रत, बन्धु-प्रेम, मर्यादा, माँ सीता का चरित सुहाये आज्ञापालन, राज-धर्म, त्यागी जीवन आदर्श बताये साधु-संत प्रिय, कलिमलहारी, दुःख शोक अज्ञान मिटाये श्रद्धा-युत हो श्रवण करे जो, कहें […]

Kari Gopal Ki Hoi

प्रारु करी गोपाल की होई जो अपनौं पुरुषारथ मानत, अति झूठौ है सोई साधन, मंत्र, जंत्र, उद्यम, बल, ये सब डारौ धोई जो कछु लिखि राखी नँदनंदन, मेटि सकै नहिं कोई दुख-सुख लाभ-अलाभ समुझि तुम, कतहिं मरत हौ रोई ‘सूरदास’ स्वामी करुनामय, स्याम चरन मन पोई

Mat Bandho Gathariya Apjas Ki

भक्ति रस मत बाँधो गठरिया, अपजस की यो संसार मेघ की छाया, करो कमाई हरि-रस की जोर जवानी ढलक जायगी, बाल अवस्था दस दिन की धर्मदूत जब फाँसी दारे, खबर लेत तेरी नस नस की कहत ‘कबीर’ सुनो भाई साधो, बात नहीं तेरे बस की

Gyan Ki Jyoti Hamen Do Bharati

सरस्वती वंदना ज्ञान की ज्योति हमें दो भारती, सरस्वती माँ की उतारें आरती वाणी में तो हमको सुधा की धार दो, प्रेममय जीवन बने वह प्यार दो ज्ञान का दीपक जला दो भारती, वीणावादिनी की उतारें आरती अधरों पे बस माँ तुम्हारा नाम हो, माँ की पूजा ही हमारा काम हो प्यार ममता का हमें […]

Shrimad Bhagawat Ki Dhwani Hi Se

श्रीमद्भागवत् महिमा श्रीमद्भागवत् की ध्वनि ही से, सब दोष नष्ट हो जाते हैं यह वासुदेव वाङ्मय स्वरूप, इसका दर्शन नित सेवन हो फलरूप वेद-उपनिषद् का ये, दुख शोक नाश यह करता है सर्वोच्च है सभी पुराणों में, इसकी महिमा का पार नहीं रसपूर्ण कथा आयोजित हो, वहाँ भक्ति देवि आ जाती है भगवान् कृष्ण की […]

Aarti Reva Ki Kije

नर्मदा आरती आरती रेवा की कीजै, अमृत-पय मन भर पी लीजै साधु संतों की प्रियकारी, सुभग सौभाग्य कीर्तिवारी नर्मदे बहती करि हर हर, सुधा सम जल में नित भीजै दरस से दुख दुष्कृत काटो, अमृत-रस भक्तों को बाँटो सतत यमदूतों को डाँटो, शरण चरणों की माँ दीजै शम्भु की पुत्री सुकुमारी, जननि गिरिजा की अति […]

Kahiya Jasumati Ki Aasis

वियोग कहियो जसुमति की आसीस जहाँ रहौ तहँ नंद – लाडिलौ, जीवौ कोटि बरीस मुरली दई दोहनी घृत भरि ऊधौ धरि लई सीस इह घृत तो उनही सुरभिन को, जो प्यारी जगदीस ऊधौ चलत सखा मिलि आये, ग्वाल-बाल दस-बीस अब के इहाँ ब्रज फेरि बसावौ, ‘सूरदास’ के ईस

Aao Aao Shyam Hraday Ki Tapan Bujhao

हृदय की तपन आओ आओ श्याम, हृदय की तपन बुझाओ चरण कमल हिय धरो, शोक संताप नसाओ यों कहि रोई फूटि-फूटि के, गोपी सस्वर रहि न सके तब श्याम भये, प्रकटित तहँ सत्वर मदन मनोहर वेष तैं, मनमथ के मनकूँ करत प्रकटे प्रभु तिन मध्य में, शोक मोह हियको हरत