Nayan Main Daro Mati Gulal

होली नयन में डारो मती गुलाल, तिहारे पाँय परत नन्दलाल अंतर होत पिया दरसन में, बिन दरसन बेहाल कनक बेलि वृषभानु-नन्दिनी, प्रीतम स्याम तमाल ऋतु बसंत वृंदावन फूल्यो, नाचत गोपी ग्वाल वेणु बजावे मधुरे गावे, नाना विधि दे ताल ‘रामदास’ प्रभु गिरिधर नागर, पिक रंग सोहे गाल 

Man Main Shubh Sankalp Ho

अभिलाषा मन में शुम संकल्प हों, शुरू करूँ जब काम सर्वप्रथम सुमिरन करूँ, नारायण का नाम मनोवृत्ति वश में रहे, कार्यसिद्धि को पाय ऋद्धि-सिद्धि गणपति सहित, पूजूँ विघ्न न आय नहीं चाहिये जगत् या राज्य स्वर्ग सुख-भोग प्राणिमात्र का दुख हरूँ, सुखी रहें सब लोग सभी रोग से रहित हों, सबका हो कल्याण दीन दुखी […]

Shri Krishna Chandra Sab Main Chaye

सर्वेश्वर श्रीकृष्ण श्री कृष्णचन्द्र सब में छाये जड़ चेतन प्राणीमात्र तथा कण कण में वही समाये जो महादेव के भक्त करे, गुणगान स्तुति उसमें ये विघ्नेश्वर गणपति रूप धरे, विघ्नों का नाश कर देते हम दुर्गाजी का पाठ करें, होते प्रसन्न उससे भी ये सद्बुद्धि देते सूर्यदेव, उनमें भी प्रकाशित तो ये चाहे पूजें किसी […]

Kahi Main Aise Hi Mari Jeho

वियोग व्यथा कहीं मैं ऐसै ही मरि जैहौं इहि आँगन गोपाल लाल को कबहुँ कि कनियाँ लैहौं कब वह मुख पुनि मैं देखौंगी, कब वैसो सुख पैंहौं कब मोपै माखन माँगेगो, कब रोटी धरि दैंहौं मिलन आस तन प्राण रहत है, दिन डस मारग चैहौं जौ न ‘सूर’ कान्ह आइ हैं तो, जाइ जमुन धँसि […]

Main Giridhar Ke Rang Rati

गिरिधर के रंग मैं गिरिधर के रंग राती पचरँग चोला पहर सखी मैं, झिरमिट रमवा जाती झिरमिट में मोहि मोहन मिलिग्यो, आनँद मंगल गाती कोई के पिया परदेस बसत हैं, लिख-लिख भेजें पाती म्हारे पिया म्हारे हिय में बसत हैं, ना कहुँ आती जाती प्रेम भट्ठी को मैं मद पीयो, छकी फिरूँ दिन राती ‘मीराँ’ […]

Ram Bhaja So Hi Jag Main Jita

भजन महिमा राम भजा सोहि जग में जीता हाथ सुमिरनी, बगल कतरनी, पढ़े भागवत गीता हृदय शुद्ध कीन्हों नहीं तेने, बातों में दिन बीता ज्ञान देव की पूजा कीन्ही, हरि सो किया न प्रीता धन यौवन तो यूँ ही जायगा, अंत समय में रीता कहे ‘कबीर’ काल यों मारे, जैसे हरिण को चीता

Aaj Rawal Main Jay Jaykar

श्रीश्री राधा प्राकट्य आज रावल में जय-जयकार भयो यहाँ वृषभानु गोप के, श्री राधा अवतार सज-धज के सब चलीं वेग तें, गावत मंगलाचार पृथ्वी पर त्रिभुवन की शोभा, रूप रासि सुखसार निरखत गावत देत बधाई, तभी भीर भई द्वार ‘परमानँद’ वृषभानु- नंदिनी, जोरी नंदकुमार

Naitik Aachar Ho Jivan Main

मर्यादा नैतिक आचार हो जीवन में सम्माननीय वह व्यक्ति जो मर्यादित जीवन ही जीये सार्थक जीना तो उसका ही परहित के जिसने कार्य किये हमको शरीर जो प्राप्त हुआ, वरदान प्रभु से मिला यही पालन हो सत्य अहिंसा का, हरि नाम स्मरण आवश्यक ही जहाँ प्राणिमात्र प्रति प्रेम रहे, है धन्य धन्य व्यक्ति ऐसा भोगों […]

Maa Charno Main Koti Pranam

देवी स्तवन माँ! चरणों में कोटि प्रणाम मायारूपिणि, शुद्धस्वरूपा, हे जगजननी! कोटि प्रणाम त्रिगुणातीता, वेदस्वरूपा, आदिशक्ति को कोटि प्रणाम लज्जा, शोभा, ज्ञान स्वरूपा, हे महिमामयी! कोटि प्रणाम रोग, शोक, भय, संकट हरनी, मंगल दायिनि! कोटि प्रणाम दुख-दारिद्र-निवारिणि देवी, हे नारायणि! कोटि प्रणाम करुणानिधि, कल्याणकारिणी, पतितपावनी! कोटि प्रणाम सर्जन, पालन, प्रलय-कारिणी, हिमनग-नंदिनी! कोटि प्रणाम मधु, कैटभ, […]

Satogun Jivan Main Apnayen

सतोगुण सतोगुण जीवन में अपनायें रजो, तमो गुण कहीं मार्ग में, नहीं हमें भटकाये श्रद्धा, सेवा, सद्गुण को ही हम आदर्श बनायें हो सहिष्णुता, इन्द्रिय-निग्रह, मार्ग सुगम हो जाये अनुशीलन हो सद्ग्रन्थों का, सत्संग में रुचि आये वृद्धि सत्व की होए तो ही, धर्म कर्म मन भाये सद्बुद्धि दें, प्रभु कृपा कर, अचल शांति सुख […]