श्री कृष्ण स्मरण
सभी तज भजिये नंदकुमार
और भजें ते काम सरे नहिं, मिटे न भव जंजार
यह जिय जानि, इहीं छिन भजि, दिन बीते जात असार
‘सूरदास’ औसर मत चूकै, पाये न बारम्बार
श्री कृष्ण स्मरण
सभी तज भजिये नंदकुमार
और भजें ते काम सरे नहिं, मिटे न भव जंजार
यह जिय जानि, इहीं छिन भजि, दिन बीते जात असार
‘सूरदास’ औसर मत चूकै, पाये न बारम्बार
इसकी व्याख्या बता दीजिये plz