Gyan Mohi Dije Maharani

देवी स्तवन ज्ञान मोहिं दीजै महारानी मैं धरूँ तिहारो ध्यान, भक्ति मोहिं दीजै महारानी मैं करूँ सदा गुणगान, ज्ञान मोहि दीजै महारानी ब्रह्मा-शिव-हरि तुमको ध्यावे, हे अभीष्ट दानी ऋषि-मुनि जन सब करे वन्दना, हे माँ कल्याणी जय दुर्गे दुर्गति, दुःख नाशिनि अमित प्रभा वाली देवि सरस्वति लक्ष्मी रूपिणि, ललिता, महाकाली कर्णफूल, केयूर अरु कंगन, रत्न […]

Tore Ang Se Ang Mila Ke Kanhai

प्रेम दिवानी तोरे अंग से अंग मिला के कन्हाई, मैं हो गई काली मल-मल धोऊँ पर नहीं छूटे, ऐसी छटा निराली तेरा तन काला और मन काला है, नजर भी तेरी काली नैनों से जब नैन मिले तो, हो गई मैं मतवाली तू जैसा तेरी प्रीत भी वैसी, एक से एक निराली करूँ लाख जतन […]

Sabse Prem Karo Man Pyare

शरणागति सबसे प्रेम करो मन प्यारे, कोई जाति या वंश द्वेष शत्रुता हो न किसी से, सब ही प्रभु के अंश प्राणों में प्रभु शक्ति न ऐसी,करूँ तुम्हारा ध्यान जड़ता भर दो इस जीवन में, बचे ने कुछ भी ज्ञान मुझसे बड़ा न पापी कोई, मैंने पाप छिपाये प्रायश्चित कर पाऊँ कैसे, समझ नहीं कुछ […]

Nirmal Vivek Ho Ant Samay

गजेन्द्र स्तुति निर्मल विवेक हो अन्त समय गजेन्द्र-मोक्ष स्तवन करे, नित ब्रह्म मुहूर्त में हो तन्मय अद्भुत स्तुति नारायण की, जो गजेन्द्र द्वारा सुलभ हमें हो अन्त समय में जैसी मति, वैसी ही गति हो प्राप्त हमें पापों, विघ्नों का शमन करें, स्तुति श्रेय यश को देती निष्काम भाव अरू श्रद्धा से, हम करें कष्ट […]

Pulakit Malay Pawan Manthar Gati

वसंतोत्सव पुलकित मलय-पवन मंथर गति, ऋतु बसंत मन भाये मधुप-पुंज-गुंजित कल-कोकिल कूजित हर्ष बढ़ाये चंदन चर्चित श्याम कलेवर पीत वसन लहराये रंग बसंती साड़ी में, श्री राधा सरस सुहाये भाव-लीन अनुपम छबिशाली, रूप धरे नँद-नंदन घिरे हुवे गोपीजन से वे क्रीड़ा रत मन-रंजन गोप-वधू पंचम के ऊँचे स्वर में गीत सुनाती रसनिधि मुख-सरसिज को इकटक […]

Prabhu Ke Sharnagat Hua Aaj

शरणागति प्रभु के शरणागत हुआ आज था अहंकार से उपहत मैं, कुछ कर न सका कर्तव्य काज इन्द्रिय-विषयों में रमा रहा, नहीं स्मरण किया श्रीकृष्ण तुम्हें सादर प्रणाम श्रीचरणों में, नहीं भक्त भूलते कभी जिन्हें मैं ऊब गया जग झंझट से, झँझानिल दुष्कर भवसागर शरणागत-पालक आप विभो, हे अमित-शक्ति करुणासागर हे परम पुरुष अन्तर्यामी, करनी […]

Prani Matra Prabhu Se Anupranit

प्रबोधन प्राणिमात्र प्रभु से अनुप्राणित, जड़ चेतन में छाया सबको अपने जैसा देखूँ, कोई नहीं पराया जिसने राग द्वेष को त्यागा, उसने तुमको पाया दंभ दर्प में जो भी डूबा, उसने तुमको खोया कौन ले गया अब तक सँग में, धरा धाम सम्पत्ति जो भी फँसा मोह माया में, उसको मिली विपत्ति दो विवेक प्रभु […]

Biraj Main Holi Ki Hai Dhum

होली बिरज में होली की है धूम लेकर हाथ कनक पिचकारी, यहाँ खड़ें हैं कृष्ण मुरारी, उतते आई गोपकुमारी, पकड़ लियो झट से बनवारी मुख पर मल दी तभी गुलाल, बिरज में होली है अब आई वृजभानु-दुलारी, और साथ में सखियाँ न्यारी, घेर लियो फिर नँद-नंदन को, पहना दी रेशम की सारी रंग दियो श्याम […]

Bhajo Re Man Shri Radha Govind

नाम स्मरण भजो रे मन श्री राधा गोविंद जन-मन को निज-धन-मनमोहन, पूरन परमानंद जीवन के जीवन वे तेरे, तू चकोर वे चन्द कैसे तिनहिं बिसारि भयो तूँ, मोह मुग्ध मतिमन्द चेत-चेत रे अब तो मूरख, छोड़ सबहिं छल-छन्द सब तज भज मोहन को प्यारे, यहीं पंथ निर्द्वंद 

Mahaveer Aapki Jay Ho

महावीर हनुमान महावीर आपकी जय जय हो संताप, शोक, हरने वाले, हनुमान आपकी जय जय हो सात्विक-गुण बुद्धि के सागर, अंजनी पुत्र की जय जय हो आनन्द बढ़ाये रघुवर का, केसरी-नंदन की जय जय हो माँ सीता के दुख दूर किये, इन पवन-पुत्र की जय जय हो भुज-दण्ड बड़े जिनके प्रचण्ड, रुद्रावतार की जय-जय हो […]