Chabili Radhe Puje Ri Gangour

गणगौर पूजन छबीली राधे पूजे री गणगौर ललितादिक सब सखियाँ पहुँची वृषभान की पौर पारबती शिवजी को पूजन, श्याम सुन्दर मन मोर सघन कुंज, वृन्दावन अनुपम मिलि गयौ नंद-किसोर ‘नंददास’ प्रभु आय अचानक, घेरी लियो चहुँ ओर  

Vandaniya Tulsi Maharani

तुलसी अर्चना वंदनीय तुलसी महारानी, अद्भुत महिमा शास्त्र बखानी नित्य धाम गोलोक से आई, कल्पवृक्ष सम महिमा गाई श्याम वर्ण शोभा सुखदाई, पृथ्वी मूल्यवान निधि पाई श्री हरि सेवा पूजन हेतु, तुलसीजी का बाग लगाये प्रेत पिशाच भूत भग जाये, यज्ञ, दान, व्रत का फल पाये प्रभु पूजा नैवेद्य आदि में, तुलसी दल अनिवार्य धराये […]

Maa Charno Main Koti Pranam

देवी स्तवन माँ! चरणों में कोटि प्रणाम मायारूपिणि, शुद्धस्वरूपा, हे जगजननी! कोटि प्रणाम त्रिगुणातीता, वेदस्वरूपा, आदिशक्ति को कोटि प्रणाम लज्जा, शोभा, ज्ञान स्वरूपा, हे महिमामयी! कोटि प्रणाम रोग, शोक, भय, संकट हरनी, मंगल दायिनि! कोटि प्रणाम दुख-दारिद्र-निवारिणि देवी, हे नारायणि! कोटि प्रणाम करुणानिधि, कल्याणकारिणी, पतितपावनी! कोटि प्रणाम सर्जन, पालन, प्रलय-कारिणी, हिमनग-नंदिनी! कोटि प्रणाम मधु, कैटभ, […]

Om Har Har Har Mahadev

शिव आरती – महादेव ॐ हर हर हर महादेव जय नटराज, महेश्वर, महाकाल, शम्भो आदि, अखण्ड, अगोचर, त्रिगुणातीत विभो विश्वनाथ त्रिपुरारी, हे ओंकार स्वरूप ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव तीनों एक ही रूप पर ब्रह्म, परमेश्वर, गंगाधर, गणनाथ सत्-चित्-आनन्द सुन्दर, पशुपति भोलेनाथ दक्ष-यज्ञ विध्वंसक, मदन नाश करता कोटि सूर्य सम आभा, सौम्य रूप धरता चिता भस्म तन […]

Om Jay Jagdish Hare

जगदीश्वर आरती ॐ जय जगदीश हरे, प्रभु! जय जगदीश हरे भक्त जनों के संकट, क्षण में दूर करे —-ॐ जय ….. जो ध्यावे फल पावे, दुख विनसे मन का —-प्रभु दुख…. सुख सम्पति घर आवे, कष्ट मिटे तन का —-ॐ जय …. माता-पिता तुम मेरे, शरण गहूँ किसकी —-प्रभु शरण …. तुम बिन और न […]

Ese Ramdin Hitkari

हितकारी राम ऐसे राम दीन हितकारी अति कोमल करुना निधान बिनु कारन पर-उपकारी साधन हीन दीन निज अघ बस सिला भई मुनि नारी गृहते गवनि परसि पद-पावन घोर सापते तारी अधम जाति शबरी नारी जड़ लोक वेद ते न्यारी जानि प्रीत दै दरस कृपानिधि सोउ रघुनाथ उबारी रिपु को अनुज विभिषन निशिचर, कौन भजन अधिकारी […]

Thumak Chalat Ram Chandra

शिशु राम ठुमक चलत रामचन्द्र, बाजत पैजनियाँ किलक किलक उठत धाय, गिरत भूमि लटपटाय धाय मातु गोद लेत, दशरथ की रनियाँ अंचल-रज अंग जाकि, विविध भाँति सों दुलारि तन-मन-धन वारि-वारि, कहत मृदु वचनियाँ ‘तुलसीदास’ अति अनन्द देखि के मुखारविन्द रघुवर की छबि समान, रघुवर की बनियाँ

Subhag Sej Sobhit Kosilya

कौशल्या का स्नहे सुभग सेज सोभित कौसिल्या, रुचिर राम-सिसु गोद लिये बार-बार बिधुबदन बिलोकति लोचन चारू चकोर किये कबहुँ पौढ़ि पयपान करावति, कबहूँ राखति लाइ हिये बालकेलि गावति हलरावति, पुलकित प्रेम-पियूष पिये बिधि-महेस, मुनि-सुर सिहात सब, देखत अंबुद ओट दिये ‘तुलसिदास’ ऐसो सुख रघुपति पै, काहू तो पायो न बिये

Jo Dhanush Ban Dhare

श्रीराम स्तवन जो धनुष-बाण धारे, कटि पीत वस्त्र पहने वे कमल-नयन राघव, सर्वस्व हैं हमारे वामांग में प्रभु के, माँ जानकी बिराजै नीरद सी जिनकी आभा, आया शरण तुम्हारे रघुनाथ के चरित का, कोई न पार पाये यश-गान होता जिनका, रघुनाथ पाप हारी शिव-धनुष जिसने तोड़ा, मिथिला से नाता जोड़ा असुरों के जो विनाशक, रक्षा […]

Jay Ganesh Gan Nath Dayamay

श्री गणेश स्तवन जय गणेश गणनाथ दयामय, दूर करो सब विघ्न हमारे प्रथम धरे जो ध्यान तुम्हारो, उनके सारे काज सँवारे लंबोदर गजवदन मनोहर, बज्रांकुश को कर में धारे ऋद्धि-सिद्धि दोऊ चँवर डुलावैं, मूषक वाहन आप पधारे ब्रह्मादिक सुर ध्यावें मन में, ऋषि मुनिगण सब दास तुम्हारे ‘ब्रह्मानंद’ सहाय करो प्रभु, भक्तजनों के तुम रखवारे