Aasakti Jagat Ki Nashta Kare

सत्संग की महिमा आसक्ति जगत् की नष्ट करें, खुल जाता है मुक्ति का द्वार स्वाध्याय, सांख्य व योग, त्याग, प्रभु को प्रसन्न उतने न करें व्रत, यज्ञ, वेद या तीर्थाटन, यम, नियम, प्रभु को वश न करें तीनों युग में सत्संग सुलभ, जो करे प्रेम से नर नारी यह साधन श्रेष्ठ सुगम निश्चित, दे पूर्ण […]

Karahu Prabhu Bhavsagar Se Par

नाम-महिमा करहुँ प्रभु भवसागर से पार कृपा करहु तो पार होत हौं, नहिं बूड़ति मँझधार गहिरो अगम अथाह थाह नहिं, लीजै नाथ उबार हौं अति अधम अनेक जन्म की, तुम प्रभु अधम उधार ‘रूपकुँवरि’ बिन नाम श्याम के, नहिं जग में निस्तार 

Kya Yagya Ka Uddeshya Ho

यज्ञ क्या यज्ञ का उद्देश्य हो दम्भ अथवा अहं हो नहीं, शुद्ध सेवा भाव हो हो समर्पण भावना, अरु विश्व का कल्याण हो इन्द्रिय-संयम भी रहे, अवशिष्ट भोगे यज्ञ में शाकल्य का मंत्रों सहित, हो हवन वैदिक यज्ञ में संयम रूपी अग्नि में, इन्द्रिय-सुखों का हवन हो अध्यात्म की दृष्टि से केवल, शास्त्र का स्वाध्याय […]

Chalo Man Kalindi Ke Tir

कालिंदी कूल चलो मन कालिन्दी के तीर दरशन मिले श्यामसुन्दर को, हरे हिये की पीर तरु कदम्ब के नीचे ठाड़े, कूजत कोयल कीर अधर धरे मुरली नट-नागर, ग्वाल बाल की भीर मोर-मुकुट बैजंती माला, श्रवणन् लटकत हीर मन्द मन्द मुस्कान मनोहर, कटि सुनहरो चीर रास विलास करे मनमोहन, मन्थर बहे समीर शोभित है श्री राधा-माधव, […]

Chod Jhamela Jhuthe Jag Ka Kah Gaye Das Kabir

मिथ्या संसार छोड़ झमेला झूठे जग का, कह गये दास कबीर उड़ जायेगा साँस का पंछी, शाश्वत नहीं शरीर तुलसीदास के सीता राघव उनसे मन कर प्रीति रामचरित से सीख रे मनवा, मर्यादा की रीति बालकृष्ण की लीलाओं का धरो हृदय में ध्यान सूरदास से भक्ति उमड़े करो उन्हीं का गान मीरा के प्रभु गिरिधर […]

Jane Kya Jadu Bhara Hua Shri Krishna Aapki Gita Main

गीताजी की महिमा जाने क्या जादू भरा हुआ, श्रीकृष्ण आपकी गीता में जब शोक मोह से घिर जाते, गीता संदेश स्मरण करते, उद्धार हमारा ही इसमें, भगवान आपकी गीता में निगमागम का सब सार भरा, संकट से यह उबार लेती नित अमृत का हम पान करें, हे श्री कृष्ण आपकी गीता में है कर्म, भक्ति […]

Jo Param Shant Shri Lakshmikant

श्री नारायण स्तुति जो परम शांत श्री लक्ष्मी-कांत, जो शेष-नाग पर शयन करें वे पद्मनाभ देवाधिदेव, वे जन्म मरण का कष्ट हरें है नील मेघ सम श्याम वर्ण, पीताम्बर जिनके कटि राजे हे अंग सभी जिनके सुन्दर, शोभा पे कोटि मदन लाजे ब्रह्मादि देव अरू योगी जन, जिनका हृदय में धरे ध्यान वे कमल नयन […]

Tumi Bandhu Tumi Nath

शरणागति तुमि बंधु, तुमि नाथ, निशिदिन तुमि आमार तुमि सुख, तुमि शान्ति, तुमि हे अमृत पाथार तुमिइ तो आनन्दलोक, जुड़ाओ प्राण नाशो शोक ताप हरण तोमार चरण, असीम शरण दीन जनार 

Devopasna Shubhkari

देवोपासना देवोपासना शुभकारी संहिता वेद सब शास्त्र कहे, आराधन सब विधि हितकारी श्रीराम-कृष्ण व महादेव, दुर्गा भैया भी संग में हो भगवान सूर्य, श्रीगणपतिजी, ये पाँच देव पूजा में हों षोडोपचार, पंचोपचार, जैसा भी मन में हो विचार इन देवों की जो पूजा हो, श्रृद्धा की मन हो बहार कर्मों का बन्धन कट जाता, प्रभु […]

Nav Se Kar Do Ganga Paar

केवट का मनोभाव नाव से कर दो गंगा पार भाग्यवान् मैं हूँ निषाद प्रभु लेऊ चरण पखार जब प्रभु देने लगे मुद्रिका जो केवट का नेग बोला केवट प्रभु दोनों की जाति ही भी तो एक चरण कमल के आश्रित हूँ प्रभु करो न लोकाचार भवसागर के आप हो केवट करना मुझको पार