Manavka Tan Jinse Paya
भक्ति-भाव मानव का तन जिनसे पाया, उन राम कृष्ण की भक्ति हो आसक्ति त्याग कर दुनिया की, करुणानिधि में अनुरक्ति हो श्रीरामचरितमानस हमको, भक्ति की समुचित शिक्षा दे नवधा भक्ति के जो प्रकार, अनुगमन करें प्रभु शक्ति दे सत्संग तथा हरिकथा सुने, गुरुसेवा प्रभु गुणगान करें हो आस्था प्रभु का मंत्र जपें, इन्द्रिय -निग्रह, सत्कर्म […]
Mo Se Kaha Na Jay Kaha Na Jay
मोहन के गुण मो से कहा न जाय, कहा न जाय, मनमोहन के गुण सारे अविनाशी घट घट वासी, यशुमति नन्द दुलारे लाखों नयना दरस के प्यासे, वे आँखों के तारे गोपियन के संग रास रचाये, मुरलीधर मतवारे शरद पूर्णिमा की रजनी थी, रास रचायो प्यारे उनके गुण सखि कितने गाऊँ, वे सर्वस्व हमारे
Re Man Ram So Kar Preet
श्री राम भजो रे मन राम सों कर प्रीत श्रवण गोविंद गुण सुनो, अरु गा तू रसना गीत साधु-संगत, हरि स्मरण से होय पतित पुनीत काल-सर्प सिर पे मँडराये, मुख पसारे भीत आजकल में तोहि ग्रसिहै, समझ राखौ चीत कहे ‘नानक’ राम भजले, जात अवसर बीत
Shastriya Vidhan Se Karma Karen
पाप-निवारण शास्त्रीय विधान से कर्म करे, उन कर्मों को ही कहें धर्म जिनका निषेध है वेदों में, कहलाते सारे वे अधर्म अन्तर्यामी सर्वज्ञ प्रभु, करनी को देख रहे सबकी पापों का प्रायश्चित जो न करे, तो दण्डनीय गति हो उनकी कल्याणकारी हरि के कीर्तन, जो कर पाये पूरे मन से पापों का निवारण हो जाये, […]
Shri Ram Ko Maa Kaikai Ne
राम वनगमन श्रीराम को माँ कैकयी ने दिया जभी वनवास उनके मुख पर कहीं निराशा का, न तभी आभास मात कौसल्या और सुमित्रा विलपे, पिता अचेत उर्मिला की भी विषम दशा थी, त्यागे लखन निकेत जटा बनाई वल्कल पहने, निकल पड़े रघुनाथ जनक-नन्दिनी, लक्ष्मण भाई, गये उन्हीं के साथ आज अयोध्या के नर नारी, विह्वल […]
Sab Chala Chali Ka Mela Hai
नश्वर संसार सब चला चली का मेला है कोई चला गया कोई जाने को, बस चार दिनों का खेला है घर बार कपट की माया है, जीवन में पाप कमाया है ये मनुज योनि अति दुर्लभ है, जिसने दी उन्हें भुलाया है विषयों में डूब रहा अब भी, जाने की आ गई वेला रे सब […]
Jay Jay Bal Krishna
कृष्ण आरती जय जय बालकृष्ण शुभकारी, मंगलमय प्रभु की छबि न्यारी रत्न दीप कंचन की थारी, आरति करें सकल नर-नारी नन्दकुमार यशोदानन्दन, दुष्ट-दलन, गो-द्विज हितकारी परब्रह्म गोकुल में प्रकटे, लीला हित हरि नर-तनु धारी नव-जलधर सम श्यामल सुन्दर, घुटुरन चाल अमित मनहारी पीत झगा उर मौक्तिक-माला, केशर तिलक दरश प्रियकारी दंतुलिया दाड़िम सी दमके, मृदुल […]
Aarti Kalindi Maiya
यमुना आरती आरती कालिंदी मैया की, कृष्ण-प्रिया श्री जमुनाजी की जय श्यामा शुभदायिनी जय जय, मन वांछित फलदायिनि जय जय जय ब्रज-मण्डल-वासिनि जय जय, सरिता पाप-विनाशिनि जय जय जय कलि-कलुष-नसावनि जय जय, मंगलमय माँ पावनी, जय जय जय गोलोक-प्रदायिनि जय जय, जय मधु गन्ध-विलासिनि जय जय
Subhag Sej Sobhit Kosilya
कौशल्या का स्नहे सुभग सेज सोभित कौसिल्या, रुचिर राम-सिसु गोद लिये बार-बार बिधुबदन बिलोकति लोचन चारू चकोर किये कबहुँ पौढ़ि पयपान करावति, कबहूँ राखति लाइ हिये बालकेलि गावति हलरावति, पुलकित प्रेम-पियूष पिये बिधि-महेस, मुनि-सुर सिहात सब, देखत अंबुद ओट दिये ‘तुलसिदास’ ऐसो सुख रघुपति पै, काहू तो पायो न बिये
Mangal Murati Marut Nandan
मारुति वंदना मंगल-मूरति मारुत-नंदन, सकल अमंगल-मूल-निकंदन पवन-तनय संतन-हितकारी, ह्रदय बिराजत अवध-बिहारी मातु-पिता, गुरु, गनपति, सारद, सिवा-समेत संभु,सुक नारद चरन बंदि बिनवौं सब काहू, देहु राम-पद-नेह-निबाहू बंदौं राम-लखन वैदेही, जे ‘तुलसी’ के परम सनेही