Dushton Ka Sang Na Kabhi Karen

दुष्टों का संग दुष्टों का संग न कभी करें आचार जहाँ हो निंदनीय, मन में वह कलुषित भाव भरें दुष्कर्मी का जहँ संग रहे, सद्गुण की वहाँ न चर्चा हो क्रोधित हो जाता व्यक्ति तभी, विपरीत परिस्थिति पैदा हो होता अभाव सद्बुद्धि का, मानवता वहाँ न टिक पाती अभिशप्त न हो मानव जीवन, अनुकम्पा प्रभु […]

Duniya Main Kul Saat Dwip

भारतवर्ष दुनियाँ में कुल सात द्वीप, उसमें जम्बू है द्वीप बड़ा यह भारतवर्ष उसी में है, संस्कृति में सबसे बढ़ा चढ़ा कहलाता था आर्यावर्त, प्राचीन काल में देश यही सम्राट भरत थे कीर्तिमान, कहलाया भारतवर्ष वही नाभिनन्दन थे ऋषभदेव, जिनमें यश, तेज, पराक्रम था वासना विरक्त थे, परमहंस, स्वभाव पूर्णतः सात्विक था सम्राट भरत इनके […]

Dulha Ban Aaya Tripurari

शिव विवाह (राजस्थानी) दूल्हा बणआया त्रिपुरारी पारबती की सखियाँ प्यारी, गावे हिलि मिलि गारी भसम रमाय बाघंबर पहर्यो, गल मुण्डमाला धारी हाथ त्रिशूल बजावत डमरू, नंदी की असवारी भूत पिशाच बराती बणग्या, नाचै दै दै तारी सरप करे फुंकार कण्ठ में, डरप रह्या नर नारी सीस जटा बिच गंगा विहरे, भाल चाँद छबि न्यारी निरखत […]

Din Dukhi Bhai Bahano Ki Seva Kar Lo Man Se

जनसेवा दीन दुःखी भाई बहनों की सेवा कर लो मन से प्रत्युपकार कभी मत चाहो, आशा करो न उनसे गुप्त रूप से सेवा उत्तम, प्रकट न हो उपकार बनो कृतज्ञ उसी के जिसने, सेवा की स्वीकार अपना परिचय उसे न देना, सेवा जिसकी होए सेवा हो कर्तव्य समझ कर, फ लासक्ति नहीं होए परहित कर्म […]

Din Vyartha Hi Bite Jate Hain

चेतावनी दिन व्यर्थ ही बीते जाते हैं जिसने मानव तन हमें दिया, उन करुणा निधि को भुला दिया जीवन की संध्या वेला में हम ऐसे ही पछताते हैं घर पुत्र मित्र हे भाई मेरा, माया में इतना उलझ गया धन हो न पास, जर्जर शरीर, ये कोई काम न आते हैं दुनियादारी गोरख धंधा, आकण्ठ […]

The To Aarogo Ji Madan Gopal

दुग्ध अर्पण थे तो आरोगोजी मदनगोपाल! कटोरो ल्याई दूध को भर्यो दूधाजी दीनी भोलावण, जद में आई चाल धोली गाय को दूध गरम कर, ल्याई मिसरी घाल कईयाँ रूठ गया हो म्हारा नाथ! कटोरो…. कद ताई रूठ्या रोगा थे बोलो जी महाराज दूध-कटोरो धर्यो सामने, पीवणरी काँई लाज भूखा मरता तो चिप जासी थारा चिकणा […]

Thali Bhar Kar Lai Main Khicado

नैवेद्य अर्पण थाली भरकर लाई मैं खीचड़ो, ऊपर घी की वाटकी जीमो म्हारा कृष्ण कन्हाई, जिमावै बेटी जाट की बापू म्हारो गाँव गयो है, न जाणे कद आवेगो बाट देख बैठ्या रहणे से, भूखो ही रह जावेगो आज जिमाऊँ थने खीचड़ो, काल राबड़ी छाछ की जीमो म्हारा कृष्ण कन्हाई, जिमावें बेटी जाट की बार-बार पड़दो […]

Thara Darsan Kis Vidh Paaun Sanwariya

दरस लालसा थारा दरसन किस विध पाऊँ साँवरिया, औगुण की मैं खान बाल अवस्था खेल गँवाई, तरुणाई अभिमान यूँ ही जीवन खोय दियो मैं, डूब्यो झूठी शान लग्यो रह्यो स्वारथ में निस दिन, सुख वैभव की बान मात-पिता गुरु से मुख मोड्यो, कियो नहीं सनमान साँच झूठ कर माया जोड़ी थारो कियो न गान साधू-संगत […]

Tha Magh Mas Braj Balayen

चीर हरण था माघ मास ब्रज बालाएँ, यमुना जल में सब स्नान करें होता था ऊषाकाल जभी, श्रीकृष्ण चरित गुणगान करें जल क्रीडा में थी मग्न सभी, तत्काल श्याम वहाँ पहुँच गये अभिलाषा जो उनके मन में, सर्वेश्वर उसको जान गये ले वस्त्र उठा बालाओं के, वे तरु कदम्ब पर चढ़े तभी वे बोले सुन्दरियों […]

Tore Ang Se Ang Mila Ke Kanhai

प्रेम दिवानी तोरे अंग से अंग मिला के कन्हाई, मैं हो गई काली मल-मल धोऊँ पर नहीं छूटे, ऐसी छटा निराली तेरा तन काला और मन काला है, नजर भी तेरी काली नैनों से जब नैन मिले तो, हो गई मैं मतवाली तू जैसा तेरी प्रीत भी वैसी, एक से एक निराली करूँ लाख जतन […]