श्री राधाजी की कृपा
राधाजू! मो पै आजु ढरौ
निज, निज प्रीतम की पद-रज-रति, मोय प्रदान करौ
विषम विषय रस की सब आशा, ममता तुरत हरौ
भुक्ति मुक्ति की सकल कामना, सत्वर नास करौ
निज चाकर चाकर की सेवा मोहि प्रदान करौ
राखौ सदा निकुंज निभृत में, झाड़ूदार बरौ

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